वाराणसी में कोविड गाइड लाइन से संकट मोचन और दुर्गा मंदिर में दर्शन पूजन, बिना मास्क दर्शन नहीं
कोविड 19 की तीसरी लहर की आशंकाओं व ओमिक्रोन के बढ़ाव के बीच मंगलवार को संकट मोचन मंदिर में हनुमान जी महाराज व राम सीता का दर्शन गाइड लाइन का पालन करते हुए किया गया। श्रद्धालुओं दर्शन करते और बिना रुके मंदिर से बाहर निकल जा रहे है।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। कोविड 19 की तीसरी लहर की आशंकाओं व ओमिक्रोन के बढ़ाव के बीच मंगलवार को संकट मोचन मंदिर में हनुमान जी महाराज व राम सीता का दर्शन गाइड लाइन का पालन करते हुए किया गया। श्रद्धालुओं दर्शन करते और बिना रुके मंदिर से बाहर निकल जा रहे है।
कोविड व ओमिक्रोन केबढ़ते संक्रमण के कारण महंत प्रो विश्वम्भर नाथ मिश्र ने सोमवार की रात में मंदिर में परिक्रमा पर रोक लगा दी थी। इस कारण श्रद्धालु मंदिर परिसर में स्थित कुएं पर चढ़कर हनुमान जी और राम-सीता का दर्शन कर रहे थे। मंदिर परिसर बड़ा होने के कारण भीड़ नहीं लगने पाई। लोग सुबह से ही मंदिर में आने लगे थे लेकिन मंदिर प्रबंधन ने महंत प्रो. मिश्र के निर्देशन में मुख्य द्वार से प्रवेश की व्यवस्था तो की थी लेकिन निकासी पार्क से होते हुए उसके बगल में स्थित मंदिर के साइकिल स्टैंड के द्वार से हो रही थी। मंदिर में प्रवेश के पूर्व ही सभी के हाथ सैनिटाइजर से विसंक्रमित किये जा रहे थे। बिना मास्क प्रवेश नहीं दिया जा रहा था। जिनके पास मास्क नहीं था , उन्हें मंदिर की तरफ से मास्क देकर उसे लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा था। मंदिर के महंत प्रो. मिश्र ने बताया कि मंदिर में दर्शन की रोक किसी को नहीं है। लोग सरकार द्वारा निर्धारित कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए दर्शन करें। जो संक्रमित हैं वे मंदिर न आकर अन्य श्रद्धालुओं को संक्रमित होने से बचाएं।
इसी क्रम में दुर्गाकुंड स्थित कूष्मांडा मंदिर में भी दर्शन पूजन हुआ। मंदिर के महंत कौशल पति द्विवेदी के अनुसार कोविड गाइड लाइन के अनुसार सभी को सेन्टाइज करने के बाद प्रवेश दिया गया। बिना मास्क मंदिर में प्रवेश वर्जित किया गया है।
संकट मोचन मंदिर में परिक्रमा पर रोक
कोरोना और ओमिक्रोन के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए संकट मोचन मंदिर में परिक्रमा पर रोक लगा दी गई है। मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र ने देर रात बताया कि ऐसा मंदिर में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए किया गया है। उन्होंने बताया कि दर्शन पर रोक नहीं है। लोग सामान्यतया हनुमान जी और सीता- राम का दर्शन करेंगे । इसके लिए परिक्रमा मार्ग की पूर्व की भांति रस्सियों के सहारे घेर दिया गया है। बिना मास्क मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं दी जाएगी। मुख्य व पीछे के पुराने प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है। संकट मोचन मंदिर में मंगलवार व शनिवार को ज्यादा भीड़ होती है।इसके मद्देनजर सोमवार को ही यह व्यवस्था कर दी गयी। मंगलवार को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर प्रबन्ध तंत्र व कर्मचारी लगे हुए थे। बिना मास्क के प्रवेश नहीं दिया जा रहा था। लोग कुएँ से ही हनुमान जी और राम मंदिर का दर्शन करते और बाहर चले जाते। प्रवेश व निकास अलग- अलग बनाया गया था।
इसी क्रम में दुर्गकुण्ड स्थित कूष्मांडा माता मंदिर में भी कोविड गाइड लाइन के अनुसार दर्शन हो रहा था। महंत कौशल पति दुबे ने बताया कि मंदिर में बिना मास्क प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। दर्शनार्थियों के लिए सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है। शारीरिक दूरी का पालन करने के लिए दर्शनार्थियों को प्रेरित किया जा रहा है।