संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में शास्त्रों से रूबरू कराएंगी सुभाषित वीथिका, परिसर में स्त्रोत देगा सुनाई
अब संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय ने परिसर में प्रवेश करते ही संस्कृत व संस्कृति का वातावरण दिखाई देगा। परिसर में सुबह-शाम जहां आपको श्लोक गीता के मंत्र व शिव तांडव स्त्रोत सुनाई देगा। वहीं परिसर में जगह-जगह लगी सुभाषित पटि्टका आपको वेद शास्त्रों से रूबरू कराएंगी।
वाराणसी, जेएनएन। अब संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय ने परिसर में प्रवेश करते ही संस्कृत व संस्कृति का वातावरण दिखाई देगा। परिसर में सुबह-शाम जहां आपको श्लोक, गीता के मंत्र व शिव तांडव स्त्रोत सुनाई देगा। वहीं परिसर में जगह-जगह लगी सुभाषित पटि्टका आपको वेद शास्त्रों से रूबरू कराएंगी।
आम जनमासन को वेद के ज्ञान से बोध कराने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने परिसर स्थित वाग्देवी मंदिर परिसर में सरस्वती भवन पुस्तकालय तक सुभाषित वीथिका (पट्टिकर) लगवाने का निर्णय लिया है। प्रथम चरण में 80 पटि्टयां लगवाने का लक्ष्य रखा गया है। कुलपति प्रो. राजा राम शुक्ल ने इसका शुभारंभ शुक्रवार से किया। पहले दिन वाग्देवी मंदिर, शताब्दी भवन के सामने, दक्षिणी गेट के पास, डा. संपूर्णानंद की मूर्ति के पास लगे सुभाषित वीथिका का कुलपति ने लोकार्पण किया। वेद पट्टी में संस्कृत के साथ-साथ श्रुतियों का हिंदी अनुवाद है ताकि जन समान्य वेद की श्रुतियों को समझ सके।
कुलपति प्रो. राजाराम शुक्ल ने बताया कि वेद शास्त्रों धार्मिक ग्रंथ ही नहीं बल्कि भारतीय समाज की बौद्धिक संपदा है। ऋषियों-मुनियों द्वारा संस्कृत सुक्तियां के रूप में वेद ज्ञान की संपूर्ण राशि है। आम जन मानस वेद के रहस्यों को समझ सके। इसके लिए इसका हिंदी में अनुवाद कराया गया है। वेद की पट्टियों को परिसर में ऐसे स्थानों पर लगवाया जा रहा है ताकि सुबह-शाम परिसर में टहलने वाले लोगों की नजर भी इस पर पड़ सके। लोकार्पण समारोह में डा. विजय कुमार शर्मा व डा. ज्ञानेंद्र सापकोटा, अभियंता पीयूष मिश्र, विष्णु शाही सहित अन्य लोग मौजूद थे।