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संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के परीक्षा फार्म में प्राइवेट का विकल्प गायब, मध्यमा स्तर पर सुविधा खत्म

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के शास्त्री-आचार्य के परीक्षा फार्म ऑनलाइन भरे जा रहे हैं। आवेदन में प्राइवेट मध्यमा स्तर (हाईस्कूल व इंटर) की परीक्षा का विकल्प गायब हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 16 Feb 2020 04:27 PM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 04:27 PM (IST)
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के परीक्षा फार्म में प्राइवेट का विकल्प गायब, मध्यमा स्तर पर सुविधा खत्म
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के परीक्षा फार्म में प्राइवेट का विकल्प गायब, मध्यमा स्तर पर सुविधा खत्म

वाराणसी, जेएनएन। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के शास्त्री-आचार्य के परीक्षा फार्म ऑनलाइन भरे जा रहे हैं। आवेदन में प्राइवेट मध्यमा स्तर (हाईस्कूल व इंटर) की परीक्षा का विकल्प गायब हैं। मध्यमा स्तर के परीक्षार्थियों को व्यक्तिगत परीक्षा फार्म भरने की अनुमति नहीं है। सूबे के बाहर संचालित होने वाले मध्यमा स्तर के विद्यालयों ने इस संबंध में आपत्ति भी दर्ज कराई है।

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उत्‍तर प्रदेश के बाहर विश्वविद्यालय अब भी मध्यमा से लगायत आचार्य तक की संबद्धता/मान्यता देता है। इन विद्यालयों व महाविद्यालयों को शास्त्री (स्नातक), आचार्य (स्नातकोत्तर) में प्राइवेट परीक्षा फार्म भरवाने की अनुमति है लेकिन मध्यमा स्तर पर प्राइवेट परीक्षा देने की सुविधा विश्वविद्यालय ने बंद कर दी है। खास बात यह है कि इस संबंध में परीक्षा समिति का विश्वविद्यालय के पास कोई निर्णय तक नहीं है। परीक्षा फार्म में प्राइवेट मध्यमा स्तर का विकल्प न होने के संबंध में बिहार के एक विद्यालयों ने सवाल भी उठाया है। इस विद्यालय ने विश्वविद्यालय से मध्यमा स्तर पर प्राइवेट फार्म भरवाने की अनुमति मांगी है।

इस विद्यालय का आवेदन कुलपति, परीक्षा नियंत्रक, कुलसचिव, सिस्टम मैनेजर के टेबल पर घूम रहा है। विश्वविद्यालय अब तक विद्यालय को जवाब नहीं दे सका है। जबकि ऑनलाइन परीक्षा फार्म भरने की अंतिम तिथि 18 फरवरी ही है।

फिलहाल कोई लिखित आदेश न होने पर दुविधा की स्थिति

तत्कालीन कुलपति प्रो. बिंदा प्रसाद मिश्र के मौखिक आदेश से प्राइवेट मध्यमा की सुविधा 2015 से ही बंद है। इस बार दोबारा विचार करने के लिए वर्तमान कुलपति इसका लिखित आदेश मांग रहे हैं। उस समय मैं विश्वविद्यालय में नहीं था फिर भी इस संबंध में सिस्टम मैनेजर व प्रेस व्यवस्थापक से बात की जा रही है। फिलहाल कोई लिखित आदेश न होने पर दुविधा की स्थिति बनी हुई है।

- विशेश्वर प्रसाद, परीक्षा नियंत्रक।


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