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संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय अब संबद्ध महाविद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं कर सकेगा

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय प्रशासन अब संबद्ध महाविद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं कर सकेगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 28 Aug 2019 09:37 PM (IST)Updated: Wed, 28 Aug 2019 10:06 PM (IST)
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय अब संबद्ध महाविद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं कर सकेगा
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय अब संबद्ध महाविद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं कर सकेगा

वाराणसी, जेएनएन। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय प्रशासन अब संबद्ध महाविद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं कर सकेगा। चयन प्रक्रिया के लिए अब शासन स्तर पर आयोग बनाकर रिक्तियां भरी जाएंगी।

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संस्कृत विश्वविद्यालय की नियमावली के अनुसार संबद्ध कालेजों में प्रिंसीपल सहित शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति का अधिकार विवि प्रशासन के पास सुरक्षित है। ऐसे में शासन ने विवि प्रशासन को पत्र लिखकर अपनी नियमावली में संशोधन कर एक सप्ताह के भीतर सूचित करने का निर्देश दिया है। आदेश के मुताबिक संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से संबद्ध कालेजों में शासन द्वारा सृजित किए गए प्राचार्यों एवं शिक्षकों के रिक्त पदों को उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग-प्रयागराज के माध्यम से भरा जाएगा।

संस्कृत विश्वविद्यालय से जुड़े देश भर के संस्कृत कालेजों में करीब 1000 रिक्तियां हैं। वहीं तीन साल पहले प्रदेश भर में हुई करीब 250 नियुक्तियां अभी भी अधर में लटकी हैं। रिक्तियों को लेकर शासन स्तर पर अभी तक आयोग का गठन नहीं हो पाया है। ऐसे में नियमावली में परिवर्तन कराने के बाद जल्द चयन प्रक्रिया पूर्ण करना शासन के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य है।


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