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संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय : वेबसाइट से कम करेंगे आरटीआइ का बोझ, सर्वाधिक 100 आवेदन परीक्षा व संबद्धता से

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में सूचना का अधिकार (आरटीआइ) के तहत 150 से अधिक आवेदन लंबित हैं। इसमें सर्वाधिक 100 आवेदन परीक्षा व संबद्धता से जुड़ा हुआ है। अपील पर अपील करने के बावजूद परीक्षा विभाग समय से आवेदकों को जवाब नहीं देता है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 26 May 2021 10:04 PM (IST)Updated: Wed, 26 May 2021 10:04 PM (IST)
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय : वेबसाइट से कम करेंगे आरटीआइ का बोझ, सर्वाधिक 100 आवेदन परीक्षा व संबद्धता से
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में सूचना का अधिकार (आरटीआइ) के तहत 150 से अधिक आवेदन लंबित हैं।

वाराणसी, जेएनएन। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में सूचना का अधिकार (आरटीआइ) के तहत 150 से अधिक आवेदन लंबित हैं। इसमें सर्वाधिक 100 आवेदन परीक्षा व संबद्धता से जुड़ा हुआ है। अपील पर अपील करने के बावजूद परीक्षा विभाग समय से आवेदकों को जवाब नहीं देता है। इसके कारण विश्वविद्यालय को राज्य सूचना आयोग तक की दौड़ लगानी पड़ती है। इसे रोकने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब पारदर्शी व्यवस्था बनाने का निर्णय लिया है। इसके तहत विश्वविद्यालय की वेबसाइट को समृद्ध किया जाएगा। अब वेबसाइट पर छाेटी-बड़ी हर सूचनाएं अपलोड की जाएंगी ताकि आरटीआइ का बोझ कम हो सके।

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देश में राइट टू इंफाॅरमेशन (आरटीआइ) लागू करने का मुख्य उद्देश्य सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाना है ताकि भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सके। आरटीआइ के युग में अब भी तमाम सरकारी तंत्र पत्रावलियाें को गोपनीय बनाए हुए हैं। गोपनीयता आड़ में भ्रष्टाचार भी पनप रहा है। यही कारण है कि जिस संस्था में जितने अधिक तथ्य छिपाए जाते हैं। वहां आरटीआइ के आवेदन अधिक आते हैं। कुलपति प्रो. आलोेक कुमार राय का मानना है कि अधिक से अधिक सूचनाएं हम ऑनलाइन कर जन सूचना का बोझ कम कर सकते हैं। कहा कि जनसूचना के तहत आने वाले आवेदनों का परीक्षण कर रहे हैं। फिलहाल संबद्ध सभी कालेजों का विवरण वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया जा चुका है। इस प्रकार परीक्षार्थियों का रिजल्ट भी ऑनलाइन करने की योजना है ताकि घर बैठे प्रमाणपत्रों का सत्यापन किया जा सके।


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