सेल्समैन अब नहीं बेच पाएंगे नकली शराब, ग्राहकों को मिले लाभ इसलिए उठाए गए ये कदम
लाइसेंसी शराब के दुकानदार अब ग्राहकों को नकली शराब नहीं बेच पाएंगे। इस पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए शराब की प्रत्येक दुकानों पर बारकोड स्कैनर मशीन लगाई जाएगी।
मीरजापुर [प्रशांत यादव]। लाइसेंसी शराब के दुकानदार अब ग्राहकों को नकली शराब नहीं बेच पाएंगे। इस पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए शराब की प्रत्येक दुकानों पर बारकोड स्कैनर मशीन लगाई जाएगी। इससे प्रत्येक दुकानदार ग्राहक को शराब बेचते समय बोतल पर अंकित बारकोड को मशीन से स्कैन करेंगे। मशीन द्वारा कोड लेने के बाद ही ग्राहक को शराब बेच पाएंगे अन्यथा उसे नकली शराब की बोतल मानकर जांच के लिए अपनी दुकान में रख लेंगे। जिसकी बाद में जांच कर पता लगाया जाएगा कि मशीन ने कोड को क्यों नहीं स्कैन किया। यहीं नहीं, सेल्समैन दूसरी दुकान का शराब भी अपनी दुकान पर नहीं बेच पाएंगे। अगर उसने ऐसा किया तो चेकिंग के दौरान पकड़े जाने पर दुकानदार पर जुर्माना तो लगाया ही जाएगा, उसकी दुकान का लाइसेंस भी निरस्त कर दिया जाएगा।
शासन को सरकारी अंग्रेजी, देशी व बियर के दुकानदारों द्वारा ग्राहकों को लगातार नकली शराब बेचने की शिकायत मिल रही थी। दूसरे दुकान का माल भी दूसरे दूकान पर बेचने की बात सामने आ रही थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने इस गोलमाल मामले पर अंकुश लगाने के लिए कड़े कदम उठाते हुए समस्त शराब व बियर की दुकानों पर पीओएस मशीन (प्वाइंट आफ सेल) बार कोड मशीन लगाने का निर्देश दिया। साथ ही कही है कि गोदाम से उठाते समय शराब की दुकानों को दी जाने वाली बोतले के बार कोड अंकित कर लिए जाए। जिससे वह अपनी दुकान के मदिरा की खेप को दूसरे दुकानदारों को नहीं दे पाए। शासन के निर्देश पर सबसे पहले पूर्वांचल के वाराणसी, मीरजापुर, चंदौली, सोनभद्र, जौनपुर, भदोही, आजमगढ़, मऊ, बलिया, गोरखपुर गाजीपुर के जिलों में मशीन लगाया जाएगा। इसके बाद प्रयागराज, कानपुर, प्रतापगढ़, लखनऊ, बरेली, अलीगढ़, गाजियाबाद, चित्रकूट, समेत प्रदेश के अन्य जनपदों में भी मशीन लगाने की प्रकिया शुरू की जाएगी।
क्या होता था पहले
कुछ लाइसेंसी दुकानदारों द्वारा इससे पहले अधिक कमाने के चक्कर में हरियाणा निर्मित नकली अंग्रेजी व देशी शराब की दुकान को काफी सस्ते दामों पर मंगवाकर ग्राहकों को बेचने का काम करते थे जिसमें उनको दोगुना मुनाफा होता था। अगर किसी दुकान पर अधिक माल बच जाता था तो अधिक सेल होने वाले दुकानदारों द्वारा उसने बची हुई शराब को लेकर अपने यहां बेच देते थे। इसमें दो फायदे होते थे पहला दुकानदार के ग्राहक वापस नहीं जाते थे दूसरा जिस दुकानदार का सामान बचता था उसका माल खत्म हो जाता था।
इस बारे में जिला आबकारी अधिकारी नीरज दूबे ने कहा कि प्रदेश के सभी शराब की दुकानों में नकली शराब बेचने पर रोक लगाने के लिए पीओएस मशीन लगाई जाएगी। जिससे दुकान ग्राहक को शराब बेचते समय बोतल पर लगे बार कोड को मशीन से स्कैन करके ही बेचने का कार्य करेंगे।