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सत्यापन के फेर में फंसा महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ व संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के 103 शिक्षकों का वेतन,

ज्वाइन करने के तीन माह बाद अब तक 103 शिक्षकों के अंकपत्रों व प्रमाणपत्रों का सत्यापन नहीं हो सका है। सत्यापन के फेर में इन शिक्षकों का वेतन अब तक फंसा हुआ है। विश्वविद्यालय 20 मई तक बंद होने के कारण प्रमाणपत्राें का सत्यापन नहीं हो रहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 13 May 2021 09:10 AM (IST)Updated: Thu, 13 May 2021 09:10 AM (IST)
सत्यापन के फेर में फंसा महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ व संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के 103 शिक्षकों का वेतन,
सत्यापन के फेर में इन शिक्षकों का वेतन अब तक फंसा हुआ है।

वाराणसी, जेएनएन। परिषदीय प्राइमरी स्कूलों में 69000 शिक्षक भर्ती के तहत जनपद में रिक्त 230 शिक्षकों के सापेक्ष 205 अध्यापकाें की नियुक्ति जनवरी में ही हुई थी। फरवरी के प्रथम सप्ताह में 203 शिक्षकों को विद्यालय भी अावंटित कर दिए गए है। ज्वाइन करने के तीन माह बाद अब तक 103 शिक्षकों के अंकपत्रों व प्रमाणपत्रों का सत्यापन नहीं हो सका है। सत्यापन के फेर में इन शिक्षकों का वेतन अब तक फंसा हुआ है।

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जनपद में 205 शिक्षकों की नियुक्ति एक साथ हुई थी। जबकि 100 अध्यापकों के प्रमाणों पत्रों का सत्यापन करा लिया गया है। किन्हीं कारणवश दो शिक्षकों को अब तक विद्यालय आवंटित नहीं किया जा सकता है। वहीं सत्यापन के अभाव में 103 शिक्षकों के वेतन अटका हुआ है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह ने बताया कि जनपद में चयनित सभी 203 शिक्षकों के प्रमाणपत्रों के सत्यापन के लिए संबंधित बोर्ड व विश्वविद्यालय को भेज दिया गया है। इसके बावजूद यूपी बोर्ड, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ व संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में 103 शिक्षकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन अब भी लंबित है। इसे देखते हुए यथाशीघ्र सत्यापन कराने की जिम्मेदारी जनपद के अलग-अलग अधिकारियों को सौंपी गई है। पूर्वांचल विश्वविद्यालय के प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराने की जिम्मेदारी बीइओ अशोक सिंह व रामकांत पटेल को सौंपी है। हरहुआ के बीईओ बृजेश कुमार श्रीवास्तव को काशी विद्यापीठ से व लेखाधिकारी अखिलेश सिंह को संस्कृत विश्वविद्यालय से शिक्षकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराने का निर्देश दिया गया है। हरहुआ के खंड शिक्षा अधिकारी डीपी सिंह ने सभी से समन्वयक बनाने तथा यूपी बोर्ड से प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराने का जिम्मा सौंपा है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय 20 मई तक बंद होने के कारण प्रमाणपत्राें का सत्यापन नहीं हो रहा है। अब विश्वविद्यालय खुलने पर ही सत्यापन होने की संभावना है।


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