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वाराणसी शहर के परिषदीय विद्यालयों में RTE का मानक फेल, ग्रामीण क्षेत्रों में नियम का पालन

नगर के परिषदीय विद्यालयों में वर्ष 2011 के बाद शिक्षकों की भर्ती नहीं हो सकी है। कई विद्यालय एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। राइट-टू-एजुकेशन (आरटीई) के तहत प्राथमिक स्तर पर 30 बच्चों पर एक शिक्षक व उच्च प्राथमिक स्तर पर 35 बच्चों पर एक शिक्षक का मानक है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 07 Nov 2020 02:34 AM (IST)Updated: Sat, 07 Nov 2020 09:52 AM (IST)
वाराणसी शहर के परिषदीय विद्यालयों में RTE का मानक फेल, ग्रामीण क्षेत्रों में नियम का पालन
नगर के विद्यालयों में आरटीई का मानक फेल है।

वाराणसी, जेएनएन। नगर के परिषदीय विद्यालयों में वर्ष 2011 के बाद शिक्षकों की भर्ती नहीं हो सकी है। कई विद्यालय एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। राइट-टू-एजुकेशन (आरटीई) के तहत प्राथमिक स्तर पर 30 बच्चों पर एक शिक्षक व उच्च प्राथमिक स्तर पर 35 बच्चों पर एक शिक्षक का मानक है। इसकी अनदेखी हो रही है। बनारस में ही नहीं सूबे में ज्यादातर जनपदों में यही स्थिति बनी हुई है।

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नगर के विद्यालयों में आरटीई का मानक फेल है। दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में लगभग शतप्रतिशत पालन हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों के प्राय: सभी विद्यालयों में आठ से दस शिक्षक तैनात हैं। वहीं नगरी सीमा से सटे ग्रामीण क्षेत्र के कुछ विद्यालयों में मानक से भी अधिक शिक्षक हैं। हालांकि नगरीय सीमा का विस्तार होने से यह विसंगति दूर होने की उम्मीद जगी है। हाल में ही तीन ब्लाकों के 65 विद्यालयों को नगर में शामिल कर लिया गया है। इसमें चिरईगांव ब्लाक के 19, काशी विद्यापीठ व हरहुआ 23-23 विद्यालय शामिल हैं। इन विद्यालयों के शिक्षकों के नगर में तबादले की योजना बनाई जा रही है। हालांकि ग्रामीण से नगर स्थानांतरण नहीं किया जा सकता है। वहीं नगर से नगर में स्थानांतरण पर रोक नहीं है। फिर भी शिक्षा निदेशालय को प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया गया है।

ऐसे में विसंगति जल्द दूर कर ली जाएगी

नगरीय क्षेत्र के 99 विद्यालयों में करीब 350 शिक्षक तैनात हैं। सीमा का विस्तार होने से 65 विद्यालय नगर में आ गए हैं। इन विद्यालयों में 721 अध्यापक तैनात हैं। ऐसे में इनमें से कुछ अध्यापकों का स्थानांतरण नगर के उन विद्यालयों में करने की योजना है जहां एक शिक्षक रह गए हैं। ऐसे में विसंगति जल्द दूर कर ली जाएगी।

-राकेश सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी।


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