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निक्षय योजना के तहत वाराणसी के 20528 मरीजों के खाते में भेजे गए 5.22 करोड़ रुपये

टीबी से मुक्त करने के लिए सरकार ने वर्ष 2025 तक का लक्ष्य रखा है। इस संकल्प को पूरा करने के लिए न सिर्फ टीबी के मरीजों की पहचान का दवा दी जा रही है। निक्षय योजना के तहत मरीजों के खाते में 500 रुपये भी भेजे जा रहे हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 29 Mar 2021 06:50 AM (IST)Updated: Mon, 29 Mar 2021 06:50 AM (IST)
निक्षय योजना के तहत वाराणसी के 20528 मरीजों के खाते में भेजे गए 5.22 करोड़ रुपये
देश को क्षय रोग (टीबी) से मुक्त करने के लिए सरकार ने वर्ष 2025 तक का लक्ष्य रखा है।

वाराणसी, जेएनएन। देश को क्षय रोग (टीबी) से मुक्त करने के लिए सरकार ने वर्ष 2025 तक का लक्ष्य रखा है। इस संकल्प को पूरा करने के लिए न सिर्फ टीबी के मरीजों की पहचान का दवा दी जा रही है, बल्कि पोषणयुक्त भोजन के लिए निक्षय योजना के तहत मरीजों के खाते में प्रतिमाह 500 रुपये भी भेजे जा रहे हैं। यह योजना अप्रैल 2018 में शुरु हुई थी। बनारस में अब तक 20,528 मरीजों के बैंक खाते में 5,22,97,500 रुपये डीबीटी के माध्यम से भेजे जा चुके हैं।

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जिले में एक अप्रैल 2018 से 28 फरवरी 2021 तक सरकारी क्षेत्र में 18795 एवं निजी क्षेत्र में 13157 मरीजों में टीबी की पुष्टि हुई है। वर्तमान में जनपद के करीब 4000 मरीजों का इलाज किया जा रहा है, जिनमें 900 से अधिक एमडीआर/एक्सडीआर के मरीज हैं। जनपद वाराणसी में वर्ष 2017 में 4841, वर्ष 2018 में 5786, वर्ष 2019 में 8318, वर्ष 2020 में 7703 और वर्ष 2021 में 20 फरवरी तक 1672 मरीज नोटिफाई किए गए। इसके सापेक्ष वर्ष 2017 में 3395, वर्ष 2018 में 3920, वर्ष 2019 में 5488 और वर्ष 2020 में 3163 टीबी के मरीजों का इलाज पूरा किया गया। वहीं वर्ष 2017 में 856, वर्ष 2018 में 1181, वर्ष 2019 में 1599 और वर्ष 2020 में 751 मरीज पूरी तरह ठीक हुए। सीएमओ डा. वीबी सिंह ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जहां वर्ष 2030 तक टीबी के खिलाफ इस विश्व युद्ध को जीतने का बीड़ा उठाया है, तो वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने देशवासियों और डॉक्टरों पर इतना भरोसा है कि उन्होंने पांच साल पहले वर्ष 2025 में ही इस बीमारी को जड़ से खत्म करने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि टीबी को वर्ष 2025 तक पूर्ण रूप से खत्म करने का अर्थ यह है कि टीबी से मौत के मामले को 95 फीसद और नए मरीजों की संख्या को 90 फीसद तक कम करना है।

इंटरनेट मीडिया का लें सहारा

- डा. वीबी सिंह का कहना है कि मौजूदा समय में जितनी तेजी से सोशल मीडिया का दायरा बढ़ रहा है उससे टीबी के प्रति जागरूकता लाने में काफी मदद मिल सकती है। उनका मानना है कि अभियान, पोस्टर, बैनर, रैली से सिर्फ कुछ लोगों तक पहुंच बनाई जा सकती है, जबकि इंटरनेट मीडिया के माध्यम से एक क्लिक पर लाखों-करोड़ों लोगों तक पहुंच बनाई जा सकती है। इसलिए इस बीमारी से लडऩे के लिए इंटरनेट मीडिया बहुत ही सहायक साबित होगी।

 टीबी के सामान्य लक्षण

- दो सप्ताह या उससे अधिक समय तक खांसी का आना।

- खांसी के साथ कभी-कभी खून का निकलना।

- खांसी के साथ बलगम का आना।

- वजन का बराबर कम होना और भूख न लगना।

- लगातार बुखार आना, विशेषकर रात्रि में।


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