यातायात विभाग नागरिकों के ईंधन बर्बाद करने को ट्रैफिक डायवर्जन की लगाता जुगत
ट्रैफिक पुलिस के जवान व होमगार्ड जाम में फंसे लोगों को राहत पहुंचाने की बजाय वाहनों की चेकिंग में व्यस्त रहते हैं ताकि लक्ष्य पूरा होने के साथ अपना भी भला हो सके।
वाराणसी (जेएनएन) । कहने को तो पुलिस और जिला प्रशासन का हर कदम व निर्णय आमजन के हित व सुविधा के लिए होता है लेकिन शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर अब तक आजमाए गए प्रयासों में अधिकतर अधिकारी कसौटी पर खरे नहीं उतर पाए हैं। ऐसे में आम सड़कों व गलियों की बात तो दूर वीआइपी मार्गों पर भी यातायात व्यवस्था बेपटरी ही है। आमतौर पर रोज ही इन सड़कों पर लोग जाम से जूझते रहते हैं। वहीं, जिम्मेदार ट्रैफिक पुलिस के जवान व होमगार्ड जाम में फंसे लोगों को राहत पहुंचाने की बजाय वाहनों की चेकिंग में व्यस्त रहते हैं ताकि विभागीय लक्ष्य पूरा होने के साथ कुछ अपना भी भला हो सके।
प्रशासन की ऐसी ही मनमानी का खामियाजा रविवार की शाम कमच्छा से रथयात्रा-सिगरा होते कैंट के बीच लंबे जाम से जूझते राहगीरों को भुगतना पड़ा। रथयात्रा चौराहा से आइपी माल के बीच गड्ढों से पटी सड़क पर किसी तरह हिचकोले खाते वाहन रेंग रहे थे। पांच सौ मीटर की यह दूरी तय करने में दस मिनट लगना आम बात रही। आइपी माल के पास पुलिस बैरिकेडिंग लगाकर सभी वाहनों को कैंट की तरफ बढ़ा दे रही थी। कुछ दूर आगे बढऩे पर इंग्लिशियालाइन तिराहा से भी वाहनों को (सरदार पटेल चौराहा) मलदहिया की ओर से जाने से रोक दिया गया था। ऐसे में यहां से जो जाम का सिलसिला शुरू हुआ वह कैंट स्टेशन, रोडवेज होते अंधरापुल तक बना रहा। कैंट स्टेशन के सामने सड़क की दोनों लेन पर बेतरतीब खड़े आटो व अन्य सवारी वाहनों की खबर लेने वाला कोई नहीं था। फिर क्या था सामान्य वाहन चालक जाम में फंसकर पसीने-पसीने होते किसी तरह दाहिने-बायें से आगे बढऩे की जद्दोजहद कर रहे थे। इस दौरान तनिक भी नहीं लगा कि ट्रैफिक व्यवस्था संभालने वाले आला अफसरों को आमजन की परेशानियों की कोई चिंता भी है। ऐसा ही हाल वरुणापार इलाके का भी रहा। नदेसर, पांडेयपुर, कचहरी इलाका देर शाम जाम की जबरदस्त चपेट में रहा।
जारी रही वाहनों की चेकिंग : जाम छुड़ाने की बजाय सिगरा चौराहे पर तैनात ट्रैफिक सिपाही व होमगार्ड दो पहिया वाहनों को रोककर चालकों से कागजात की मांग कर रहे थे। वह भी अधिकतर ऐसे लोगों को रोका जा रहा था जिनसे कुछ अपना भला हो सके। एक तो जाम ऊपर से वाहन के कागज की जांच के नाम पर रोकना निश्चित तौर पर अधिकतर लोगों में झल्लाहट पैदा कर रहा था।