सड़क सुरक्षा सप्ताह : जाम में जकड़ी 'लाइफ लाइन', ट्रैफिक पुलिस ने आइपीडीएस का काम कर रहे तीन ठेकदारों को उठाया
सड़क सुरक्षा सप्ताह की धज्जियां उड़ते देखना है तो काशी में आपका स्वागत है। यकीन मानिए काशी की सड़कों को विभागीय अधिकारी रंगरूटों का ट्रेनिंग स्थल से अधिक कुछ नहीं मानते हैं।
वाराणसी, जेएनएन। सड़क सुरक्षा सप्ताह की धज्जियां उड़ते देखना है तो काशी में आपका स्वागत है। यकीन मानिए काशी की सड़कों को विभागीय अधिकारी रंगरूटों का ट्रेनिंग स्थल से अधिक कुछ नहीं मानते हैं। जिसका जब जहां मन करता है सड़क को खोद देता है। विभागीय अधिकारियों में समन्वय के जबरदस्त अभाव का दंश झेल रही है काशी। ट्रैफिक पुलिस को सूचना दिए बिना बिजली विभाग के लिए काम करने वाले ठेकेदारों ने सड़क काट दी। नतीजा- काशी की सेकेंड लाइफ लाइन यानि मरी मारी तिराहा से सिगरा, कमच्छा होते हुए लंका तक लगभग पांच किलोमीटर लंबा भीषण जाम।
गाडिय़ों के पहिये थम गए थे। गलियां तक वाहनों से पैक हो गई थीं। सुबह का समय होने के कारण हर किसी को स्कूल, दफ्तर, दुकान जाना था। इस मार्ग फंसे कई यात्रियों की ट्रेन छूट गई। यातायात पुलिस ने जाम के लिए जिम्मेदार तीन ठेकेदारों को हिरासत में लेकर चेतगंज पुलिस के हवाले कर दिया। ठेकेदारों को छुड़ाने के लिए बिजली विभाग ने पीएमओ की धौंस देते हुए कहा कि ऊपर से काम करने का आर्डर है। आइपीडीएस के काम से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। एसपी ट्रैफिक श्रवण कुमार सिंह ने भी टका सा जवाब दिया कि बिजली विभाग ने इसकी कोई सूचना नहीं दी थी।
एसपी ट्रैफिक ने बताया कि सेतु निगम ने सुबह कैंट इलाके में ट्रैफिक ब्लाक कर दिया। वाहन सिंह मेडिकल वाली गली की तरफ से निकले तो वहां पर आइपीडीएस का काम कर रहे ठेकेदारों ने सड़क काट दी थी। जहां से तीन वाहन गुजरते, एक वाहन के जाने भी दिक्कत होने लगी। सुबह का समय होने के कारण जाम लगता गया। देखते ही देखते मरी माई तिराहा, तेलियाबाग से मलदहिया, फातमान, सिगरा, कमच्छा, महमूरगंज, विद्यापीठ मार्ग पर वाहनों की कतार लग गई। जाम छुड़ाने में पुलिस को तीन घंटे से अधिक समय लग गया।
जाम में फंसे लोगों से बातचीत
-ट्रैफिक ब्लॉक लेने से पहले संबंधित विभाग को प्लानिंग करनी चाहिए। अचानक से लिए गए इस फैसले के कारण राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। - वीरेंद्र जायसवाल, राहगीर
- सड़क पर जाम का असर गलियों में दिखाई पड़ रहा है। लिंक रोड पर भी चलना आसान नहीं है। हर तरफ़ सिर्फ जाम का झाम और गाडिय़ों की लंबी कतारें ही दिख रही है। - मनोज कुमार, राहगीर
-नदेसर से लहुराबीर जाने में हालत पतली हो गई। रास्ते में कोई ऐसी जगह नहीं, जहां मोटरसाइकिल आसानी से निकल सके। कैंट स्टेशन मार्ग की दशा और भी खराब है। - अरविंद मिश्रा, राहगीर
- पूरा शहर जाम के शिकंजे में फंसा हुआ है। अंधरापुल से लेकर रोडवेज तक स्थिति काफी गंभीर है। इंग्लिशया लाइन हो या मलदहिया अथवा सिगरा व फातमान रोड पूरी तरह से प्रभावित है। - ममता देवी, राहगीर
हेलमेट लगाया होता तो बच जाती जान
हेलमेट को लेकर लगातार जागरूकता अभियान चल रहा है। बावजूद इसके लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे भले ही अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। यातायात नियमों की अनदेखी के चलते सोमवार को एक परिवार का चिराग बुझ गया। मिर्जामुराद थाना क्षेत्र में बिहड़ा गांव के सामने प्रयागराज-वाराणसी मार्ग पर किसी वाहन से टक्कर लगने के कारण बाइक सवार 20 वर्षीय मायाशंकर निवासी बाबूसराय गंभीर रूप से जख्मी हो गया। हेलमेट नहीं पहनने के कारण उसके सिर में गंभीर चोट पहुंची थी। ट्रामा सेंटर ले जाते समय रास्ते में उसकी मौत हो गई। छोटे लाल के चार बेटों में सबसे छोटा मायाशंकर मजदूरी करता था।
मौत का सबसे बड़ा कारण हेलमेट नहीं लगाना- एसपी ट्रैफिक श्रवण कुमार सिंह का कहना है कि सड़क हादसे में अधिकतर मौतें सिर में गंभीर चोटें लगने के कारण होती है। सीट बेल्ट और हेलमेट नहीं लगाना मौत का सबसे बड़ा कारण है।
मौत का आंकड़ा पहुंचा 217 : एक जनवरी 2019 से 15 अक्टूबर तक सड़क हादसे में 217 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं जबकि 250 से अधिक लोग घायल होकर अस्पताल पहुंचे। सड़क हादसे में मरने वालों का आंकड़ा साल दर साल बढ़ता जा रहा है। एसपी ट्रैफिक ने बताया कि जितने भी बाइक सवार हादसे में मारे गए। कुछ को छोड़कर किसी ने भी हेलमेट नहीं लगाया था।