प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों लोकार्पण को तैयार है 'विवेकानंद और सैम मानेकशॉ क्रूज'
गंगा में जल परिवहन की रो-रो सर्विस सेवा का लोकार्पण प्रधानमंत्री के हाथों संपन्न होगा। भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने अपने स्तर से पूरी तैयारी कर ली है। बस इंतजार है तो वाराणसी जिला प्रशासन से अनुमति मिलने का।
वाराणसी, जेएनएन। गंगा में जल परिवहन की रो-रो सर्विस सेवा का लोकार्पण प्रधानमंत्री के हाथों संपन्न होगा। भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने अपने स्तर से पूरी तैयारी कर ली है। बस, इंतजार है तो जिला प्रशासन से अनुमति मिलने का। रामनगर राल्हूपुर में तीन माह से खड़े दोनों रो-रो सर्विस को फिलहाल बनारस से चुनार तक चलाने की तैयारी है। बाद में प्रयागराज तक। इसमें पर्यटकों के लिए बैठने के साथ ही गाडिय़ों की पार्किंग की भी व्यवस्था है। हालांकि, जिला प्रशासन उसमें उपलब्ध पार्किंग स्पेस को पार्टी या सांस्कृतिक कार्यक्रम के स्थान के रूप में इस्तेमाल करने की योजना बना रहा है। बनारस में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजना बनाई गई है। इसके तहत क्रूज से यात्रियों सहित वाहन व सामान की भी आवाजाही होगी। रो-रो (रोल-आन-रोल-आफ पैसेंजर शिप) जहाज डबल एंडेड फेरी सेवा है।
यह है क्रूज की खासियत
भारत सरकार के आदेश पर भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने बनारस को दो रो-रो दिए हैं। एक रो-रो का नाम विवेकानंद क्रूज और दूसरे का सैम मानेकशॉ क्रूज है। इसमें 200 पर्यटकों के बैठने की व्यवस्था है। अंदर एक हाल में पांच बेड लगे हुए हैं जो आपातकालीन परिस्थितियों में पर्यटकों के आराम करने के लिए बनाए गए हैं। इसके अलावा वाशरूम और शौचालय की भी सुविधा है।
जिला प्रशासन तय करेगा किराया
जिला प्रशासन इसका किराया जल्द ही तय करेगा। किराया 200 से 300 रुपये के बीच तय होने के संकेत हैं। रो-रो की रफ्तार प्रति घंटा 12 से 15 किलोमीटर होगी।
चार राज्यों के 18 शहरों में रो-रो सर्विस सेवा शुरू होनी है
आइडब्ल्यूएआइ के अधिकारियों की मानें तो चार राज्यों के 18 शहरों में रो-रो सर्विस सेवा शुरू होनी है। इसी के तहत बनारस को दो रो-रो मिले हैं। जिला प्रशासन इसे कैसे संचालित करेगा, वह तय करेगा।