Move to Jagran APP

वाराणसी में तटवर्ती आवासीय इलाकों तक पहुंचा उफनती वरुणा नदी का पानी, सांसत में डूब क्षेत्र वालों की जान

गंगा नदी में लगातार हो रहे बढ़ाव के कारण सहयोगी नदी वरुणा भी उफान पर है। लगातार जलस्तर में वृद्धि के चलते शुक्रवार को तटवर्ती आवासीय इलाके धीरे-धीरे इसकी जद में आने लगे हैं। बाढ़ की आशंका में डूब क्षेत्रवासी पलायन कर दूसरे मोहल्लों में पहुंचकर शरण ली।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 07 Aug 2021 08:30 AM (IST)Updated: Sat, 07 Aug 2021 08:30 AM (IST)
वाराणसी में तटवर्ती आवासीय इलाकों तक पहुंचा उफनती वरुणा नदी का पानी, सांसत में डूब क्षेत्र वालों की जान
वाराणसी के पुलकोहना क्षेत्र में बाढ़ के कारण छत पर शरण लिए लोग।

जागरण संवाददाता वारणसी। गंगा नदी में लगातार हो रहे बढ़ाव के कारण सहयोगी नदी वरुणा भी उफान पर है। लगातार जलस्तर में वृद्धि के चलते शुक्रवार को तटवर्ती आवासीय इलाके धीरे-धीरे इसकी जद में आने लगे हैं। बाढ़ की आशंका में डूब क्षेत्रवासी पलायन कर दूसरे मोहल्लों में पहुंचकर शरण ली। वहीं कुछ उसी क्षेत्र में रुक गए और छतों पर डेरा जमा लिया।

loksabha election banner

बढ़ते जलस्तर के कारण वरुणा के तटीय इलाकों बघवा नाला, पुलकोहना, पिपरहवा घाट सहित कई क्षेत्रों में बाढ़ का पानी आवासीय क्षेत्रों में घुस गया है, जिससे दर्जनों मकान प्रभावित हुए हैं। आवासीय लोगों में बाढ़ की वजह से समस्याएं देखी जा रही हैं। इसके कारण प्रभावित लोगों ने अपने सामान भी बांधना शुरू कर दिया है। बाढ़ का स्तर भी धीरे-धीरे बढ़ ही रहा है। हर वर्ष बरसात के समय वरुणा नदी से सटे आवासीय क्षेत्रवासियों की हालत ऐसी हो जाती है। पुरानापुल स्थित पुलकोहना निवासिनी हजारा बीबी ने बताया कि तीन दिन से उनका परिवार मकान की छत पर तिरपाल लगाकर अपना गुजरा कर रहा है। अचानक बरसात होने पर जीना दुश्वार हो गया है। उधर, बाढ़ की स्थिति को देखते हुए नगर आयुक्त प्रणय सिंह के निर्देश पर नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. एनपी सिंह ने सरैंया प्राथमिक विद्यालय में बने बाढ़ राहत चौकी का निरीक्षण कर जरूरी हिदायत दी। इसे सात अगस्त तक शुरू करा दिया जाएगा, ताकि तटवर्ती निवासियों को फौरी तौर पर राहत मिल सके।

गंगा, गोमती व नाद नदी के पानी में डूबी फसल

जागरण संवाददाता, चौबेपुर :गं गा नदी के उफान से सभी नदियों का पानी मैदानी इलाकों में फैल गया है। गंगा नदी के पानी से सरसौल, शिवदशा, बर्थरा कला, मुरीदपुर, गौरा उपरवार, रामपुर, चंद्रावती, ढ़ाखा, कैथी व वरुणा नदी के बाद के पानी से रजवाड़ी, धौरहरा, हरिहरपुर एवं नाद नदी के पानी से बर्थरा खुर्द, अजाव, गरथौली आदि गांवों के किसानों की सैकड़ो एकड़ सब्जी, बाजरा, धान आदि डूब गए हैं। वहीं कैथी घाट पर सीढिय़ा पानी में समा चुकी है। अभी भी पानी बढ़ाव पर है।

गंगा किनारे बाढ़ का पानी, किसानों की बढ़ी परेशानी

जागरण संवाददाता, चिरईगांव : गंगा नदी के जलस्तर में बढ़ाव जारी रहने से ढ़ाब क्षेत्र के नदी किनारे लगी सब्जियों के खेत पानी में समा गए हैं। ढ़ाब क्षेत्र के मोकलपुर, गोबरहां, रामपुर, रामचंदीपुर, मुस्तफाबाद रेता पर गंगा किनारे खेतों में परवल, नेनुआ, लौकी, करैला, कोहड़ा आदि सब्जियों की खेती होती है। गंगा नदी में बाढ़ का पानी लगातार बढ़ने से ढ़ाबवासियों की दुश्वारियां भी बढ़नी शुरू हो गई हैं। उधर, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. वीबी सिंह, चिरईगांव पशु चिकित्साधिकारी डा. आरए चौधरी ने दोपहर बाद बाढ़ प्रभावित ढाब क्षेत्र मोकलपुर, रामचंदीपुर, गोबरहा में पशु टीकाकरण का निरीक्षण किया। पशुपालकों को बीमारियों के प्रति जागरुक भी किया।

अराजकतत्वों ने तोड़ी पुलिया, कालोनी में घुसा पानी

सारनाथ के शक्तिपीठ आश्रम से फरीदपुर मार्ग पर बारिश के पानी निकासी के लिए बनी सरकारी पुलिया को अराजकतत्वों ने तोड़ दिया। इसके चलते बारिश का पानी कालोनी की सड़कों पर बहने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बताया जाता है कि शक्तिपीठ आश्रम से फरीदपुर मार्ग पर बारिश के पानी की निकासी के लिए बनी सरकारी पुलिया टूटने से बारिश के पानी की निकासी बंद हो गई। पास की ही अनिधिकृत रूप से विकसित कालोनी वासियों का जलजमाव व दुर्गंध से रहना मुहाल हो गया है। अधिक दिक्कत रात के समय मरीजों को कहीं लाने या ले जाने में पेश आ रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.