वाराणसी में कज्जाकपुरा रेलवे ओवरब्रिज का बदला डिजाइन, अब सड़क के किनारे बनेंगे पिलर
कज्जाकपुरा रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) निर्माण में आ रही बाधा दूर नहीं होने पर राजकीय सेतु निगम ने डिजाइन में बदलावा किया है। बीच सड़क पर सीवर व पेयजल पाइपलाइन पडऩे पर अब वहां सड़क के किनारे पिलर बनाएं जाएंगे।
वाराणसी, जेपी पांडेय। कज्जाकपुरा रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) निर्माण में आ रही बाधा दूर नहीं होने पर राजकीय सेतु निगम ने डिजाइन में बदलावा किया है। बीच सड़क पर सीवर व पेयजल पाइपलाइन पडऩे पर अब वहां सड़क के किनारे पिलर बनाएं जाएंगे। क्योंकि पुराने सीवर और पेयजल पाइपलाइन को हटाना संभव नहीं है। कई पिलर रहेंगे पूर्ववत। वाहनों का आवागमन आरओबी के नीचे बीच से होगा। दोनों पिलर के बीच इतनी दूरी होगी कि वाहनों को निकलने में कोई परेशानी नहीं हो। सर्वे में दो स्थानों पर कई निर्माण भी चिह्नित किए गए हैं। जल्द ही उसे तोडऩे का काम शुरू होगा। सेतु निगम सीवर व पेयजल पाइपलाइन हटाने के नाम पर दी गई राशि वापस करने के लिए जलनिगम और जलकल संस्थान को पत्राचार किया जाएगा।
कज्जाकपुरा आरओबी का काम सितंबर, 2019 में शुरू हुआ था। इस काम को जून, 2022 में पूरा होना है। सेतु निगम के पूर्व अभियंताओं की लापरवाही के चलते आरओबी का काम कछुए की चाल चलता रहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्ती बरती तो सेतु निगम के अभियंताओं ने तेजी आई। चौकाघाट की तरफ आठ पिलर बनकर तैयार हो गए हैं लेकिन सरैया की तरफ आज तक काम शुरू नहीं हो सके। वहां सड़क के नीचे बिजली के केबल, सीवर व पेयजल पाइपलाइन मिले। इसे हटाने को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों संग कई बार बैठक हुई। उसे हटाने के लिए तीनों विभागों को सेतु निगम ने सवा चौबीस करोड़ दिया लेकिन इन विभागों को टेंडर करने में महीनों लग गए। काम आज तक शुरू नहीं हो सका। परेशान सेतु निगम के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर ने टीम गठित कर फिर से आरओबी स्थल का सर्वे कराया। साथ में विकल्प तलाशने को कहा। जलनिगम, जलकल संस्थान और बिजली विभाग को सेतु निगम लगातार पत्राचार करता रहा।
चिह्नित हुए अतिक्रमण, पीडब्ल्यूडी को भेजा पत्र
डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि आरओबी निर्माण में दो स्थानों पर कई मकान बाधक बन रहे हैं। लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखकर सड़क की चौड़ाई की मापी करने और निजी जमीन मालिकों की सूची बनाने को कहा गया है। जमीन और मकान की लागत निकालने को कहा गया है जिससे उन्हें मुआवजा देकर आरओबी निर्माण कार्य में तेजी लाया जा सके।
24 माह में बने मात्र आठ पिलर
सेतु निगम के पूर्व अभियंताओं की लापरवाही साफ दिखाई दे रही है। उन्होंने 24 माह में मात्र आठ पीलर तैयार कर सके। बचे नौ माह में 47 पीलर तैयार करना आसान नहीं है। कई माह तक काम भी बंद रहा। सड़क पर मैटेरियल, निर्माण के अन्य सामान होने के चलते अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है।
इन विभागों को इनती दी गई राशि
बिजली विभाग को 19 करोड़
जलनिगम को 4.73 करोड़
जलकल संस्थान को 63 लाख
एक नजर में कज्जाकपुरा आरओबी
लंबाई : 1355.51 मीटर
लागत : 14452.56 लाख
भौतिक प्रगति : छह फीसद
कार्य प्रारंभ: सितंबर-2019
काम पूरा : जून-2022
कुल पिलर-55
सड़क पिलर-51
क्रासिंग पिलर-चार
आठ पिलर का काम पूरा
तीन स्पैन का काम पूरा
सरैया की तरफ सड़क के नीचे सीवर व पेयजल पाइपलाइन और बिजली के केबल होने से काम शुरू नहीं हो सका। चौकाघाट की तरफ पिलर संग ढलाई का काम चल रहा है। तीनों विभागों को सवा चौबीस करोड़ रुपये दिए गए हैं। डिजाइन में बदलाव कर नए सिरे से आरओबी का निर्माण किया जाएगा। कुछ स्थानों को छोड़कर सड़क के किनारे पिलर बनाने का काम जल्द शुरू होगा।
-सूरज गर्ग, डिप्टी प्रोजेक्टर मैनेजर-सेतु निगम