लैंको के पास केवल तीन दिन का कोयला, नहीं हुई आपूर्ति तो बंद होगा बिजली उत्पादन
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन को कम दर पर बिजली मुहैया कराने वाली अनपरा की लैंकों में कोयला खत्म हो रहा है।
अनपरा (सोनभद्र) : उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन को कम दर पर बिजली मुहैया कराने वाली अनपरा-सी (लैंको) परियोजना फिर कोयले की कमी से जूझ रही है। लैंको के पास केवल 50 हजार टन कोयला बचा है। इससे इकाई को तीन दिनों तक पूरे लोड पर चलाया जा सकता है। अगर लैंको को कोयले की सप्लाई लगातार नहीं हुई तो बिजली उत्पादन बंद करना पड़ेगा।
कोयले की कमी के कारण लैंको को पिछले सप्ताह तक कम लोड पर चलाया जा रहा था, लेकिन अब फिर से लैंको परियोजना पूरे लोड पर चलने लगी है। हालांकि अभी भी लैंको के पास पर्याप्त कोयला नहीं है। केवल तीन दिन के लिए कोयला शेष बचा है। अगर कोयला मिला तो परियोजना को चलने में कोई दिक्कत नहीं आयेगी। लैंको के यूनिट हेड संदीप गोस्वामी के अनुसार बैंक की परेशानी के कारण कोयले का नियमित भुगतान नहीं हो पा रहा है। जिस कारण कोयले की कमी हो गई है। उन्होंने बताया कि कंपनी के खाते में पैसे की कमी नहीं है, कुछ बै¨कग समस्या के कारण भुगतान नहीं हो पा रहा। वहीं पारीछा और हरदुआगंज परियोजना में भी कोयले की कमी हो गई है। हालांकि उसके लिए फंड की कमी नहीं थी। रेलवे और एनसीएल के आपसी खींचतान के कारण इन दोनों परियोजनाओं को कोयला उपलब्ध नहीं हो पा रहा था। हालांकि अब मामला सुलझ गया है और दोनों परियोजनाओं के पास पर्याप्त कोयला मौजूद है। वहीं यदि सरकारी परियोजनाओं की बात करें तो अनपरा की तीनों परियोजनाओं में छह लाख 12 हजार टन से ज्यादा कोयले का स्टाक है। एनसीएल से लगातार कोयले की सप्लाई मिल भी रही है। अनपरा परियोजना के अधिकारी बताते हैं कि सरकारी परियोजना में कभी भी कोयले की दिक्कत नहीं होती है। पिछले दिनों अनपरा तापीय परियोजना के दौरे पर आए उत्पादन निगम के प्रबंध निदेशक अमित गुप्ता ने भी कहा था कि प्रदेश सरकार की बिजली उत्पादन परियोजना में कोयले की कमी नहीं है। हर परियोजना के पास जरूरत से ज्यादा कोयला उपलब्ध है।