पाकिस्तान में 11 वर्षों तक यातनाएं झेलने के बाद घर लौटा मीरजापुर का पुनवासी, जिला प्रशासन ने किया स्वागत
पाकिस्तान की जेल से 11 साल बाद छूटे पुनवासी के घर लौटते ही हर तरफ खुशियां छा गईं। यहां शहर में पहुंचते ही प्रशासन के साथ ही सगे-संबंधियों ने भी गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। प्रभारी जिलाधिकारी ने गुलदस्ता बुकें व मिठाई भेंटकर पुनवासी व उसके परिजनों को शुभकामनाएं दीं।
मीरजापुर, जेएनएन। पाकिस्तान की जेल से 11 साल बाद छूटे पुनवासी के घर लौटते ही हर तरफ खुशियां छा गईं। यहां शहर में पहुंचते ही प्रशासन के साथ ही सगे-संबंधियों ने भी गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। प्रभारी जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने गुलदस्ता, बुकें व मिठाई भेंटकर पुनवासी व उसके परिजनों को शुभकामनाएं दीं। इस दौरान प्रशासन व पुलिस अधिकारियों ने उन्हें हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया। इसके बाद पुनवासी अपनी बहन व जीजा के साथ भरूहना स्थित अपने घर गया। वहां भी पास-पड़ोस के लोगों ने खुशी से उनका इस्तकबाल किया।
जनपद मीरजापुर निवासी पुनवासी के 11 वर्ष बाद पाकिस्तान से अपने घर लौटेने के संबंध मे पुलिस अधीक्षक मीरजापुर की बाइट-@Uppolice @dgpup @adgzonevaranasi@digmirzapur @AwasthiAwanishK@PrashantK_IPS90 @CMOfficeUP pic.twitter.com/8AkdyERpai— Mirzapur Police (@mirzapurpolice) January 5, 2021
देहात कोतवाली के भरूहना निवासी पुनवासी तकरीबन 11 वर्ष पहले 2009 में ट्रक के माध्यम से राजस्थान पहुंचा और वहां से भटक कर पाकिस्तान सीमा में दाखिल हो गया था। नौ वर्षों तक उसका कहीं पता नहीं चला। दो वर्ष पहले पाकिस्तान की सरकार ने पुनवासी द्वारा बताए गए नाम व पते की जानकारी भारतीय सरकार को दी। इसकी जानकारी मीरजापुर जिला प्रशासन को मिलते ही एलआइयू ने परिजनों की खोजबीन शुरू कर दी। महीनों प्रयास के बाद उसके घर व परिजनों की जानकारी मिलते ही केंद्र सरकार को भेजा गया। इसके बाद 17 नवंबर को पुनवासी को अटारी बार्डर पर बीएसएफ को सौंप दिया गया, लेकिन धनाभाव में उनकी घर वापसी का इंतजाम नहीं हो रहा था।
आखिरकार ग्राम प्रधान ने अपने खर्चे पर पुनवासी को लाने की कोशिश शुरू कर दी। इसके बाद जिला प्रशासन ने भी पुनवासी की वापसी को लेकर प्रयास तेज कर दिया। आखिरकार एक सिपाही के साथ उनकी बहन किरण व जीजा मुन्नू एक जनवरी को अमृतसर भेजा गया। मंगलवार को पुनवासी को लेकर सभी लोग वाराणसी पहुंच गए। इसके बाद दोपहर में मीरजापुर पहुंचते ही 11 वर्षों बाद अपने वतन लौटे पुनवासी को देखकर ग्रामीणों की आंखें खुशी छलक आईं। सगे-संबंधियों के साथ ही पास-पड़ोस के लोग भी उसे देखने के लिए लालायित नजर आए।