धर्मांतरण का जाल : जौनपुर में ईसाई धर्म अपनाए हिंदुओं ने अपने धर्म में की वापसी
जौनपुर में नरायनपुर, विशुनपुरा, लेवरुवां आदि गांवों में आर्य समाज के लोगों द्वारा प्रयास करके ईसाई धर्म अपनाए हिंदुओं को यज्ञ हवन कर पुनः अपने धर्म में वापसी करायी।
जौनपुर (केराकत) । तहसील क्षेत्र के नरायनपुर, विशुनपुरा, लेवरुवां आदि गांवों में आर्य समाज के लोगों द्वारा प्रयास करके ईसाई धर्म अपनाए हिंदुओं को यज्ञ हवन कर पुनः अपने धर्म में वापसी कराई। आर्य प्रतिनिधि सभा उत्तर प्रदेश के प्रधान धीरज आर्य के नेतृत्व में आई टीम ने नारायनपुर, अखर्ईपुर, विशुनपुर में ईसाई धर्म अपनाए लोगों को ईसाई धर्म की वास्तविकता बताई।
किया यज्ञ और पूजन
जो लोग ईसाई मिशनरियों के बहकाने से, छल प्रपंच के वशीभूत होकर धर्म परिवर्तन कर लिया था उन्हें समझाकर उनकी मानसिकता बदली और सभी लोगों ने कसम खाई कि अब कभी ईसाई धर्म की तरफ मुड़कर भी नही देखेंगे। लोगों ने ईसाई धर्म का प्रतीक क्रास उतारकर फेंक दिया और यज्ञ हवन करके पुनः हिन्दू धर्म में अपनी आस्था दिखाई। पुनः धर्म वापसी करने वालो में विशुनपुर गांव से भीमसेन, राजेश्वर का परिवार, लेवरुवां से धनन्जय, रामप्रवेश का परिवार, नारायनपुर धर्मेन्द्र का परिवार, अखईपुर से रमाशंकर, विनोद, राजेन्द्र यादव, विनोद राम आदि परिवारों ने हिन्दू धर्म में आस्था जताते हुए क्रास उतारकर फेंक दिया और वैदिक रीति-रिवाज के साथ यज्ञ पूजन किया।
आर्य समाज ने की पहल
उत्तर प्रदेश के आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान धीरज प्रधान ने कहा कि आर्य समाज के माध्यम से धर्मान्तरित लोगो को आर्य सभा मे जोड़ा जा रहा है । उन्होंने बताया कि आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती सदैव धर्मांतरण के विरुद्ध अन्तिम क्षण तक संघर्षरत रहे। आर्य प्रतिनिधि सभा देर शाम तक सभी धर्म परिवर्तित परिवारों में जाकर उन्हे हिन्दू सनातन धर्म की महत्ता बताई। प्रतिनिधि मंडल में आचार्य धर्मवीर, महामंत्री आर्यवीर दल महाशय कल्याण आर्य, भजनोपदेशक आचार्य देवब्रत आर्य, वेद प्रचारक आचार्य कुलदीप विद्यार्थी, पुस्तकाध्यक्ष रमाशंकर आर्य आदि रहे।