सारनाथ में कैंसर पीड़ितों के लिए बनेगा पुनर्वास केंद्र,परियोजना पर बन चुकी सहमति
महात्मा बुद्ध की प्रथम उपदेशस्थली सारनाथ में कैंसर पीड़ितों के लिए पुनर्वास केंद्र बनने जा रहा है। कबीरचौरा मठ मूलगादी इसके लिए डेढ़ एकड़ जमीन देगा।
प्रमोद यादव [वाराणसी]। महात्मा बुद्ध की प्रथम उपदेशस्थली सारनाथ में कैंसर पीड़ितों के लिए पुनर्वास केंद्र बनने जा रहा है। कबीरचौरा मठ मूलगादी इसके लिए डेढ़ एकड़ जमीन देगा। इस पर यूएई में भारतीय मूल के शीर्ष रईस बीआर शेट्टी सभी सुविधाओं से युक्त भवन का निर्माण कराएंगे। मठ प्रबंधन व शेंट्टी के बीच इस परियोजना पर सहमति बन चुकी है। इसी महीने इससे संबंधित अनुबंध पर हस्ताक्षर भी हो जाएगा। बदले में कबीरचौरा मठ की विभिन्न परियोजनाओं के लिए यूएई की कंपनियों से सीएसआर फंड मिलेगा।
सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल को पहले मिल चुकी है हरी झंडी कबीरचौरा मठ मूलगादी के शिवपुर स्थित पांच एकड़ भूखंड पर 500 बेड का 21 मंजिला कबीर सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल बनाने के लिए शेंट्टी पहले ही लीज और अनुबंध पर चर्चा कर चुके हैं। इसके लिए पिछले माह वास्तुकारों समेत विशेषज्ञ दल के साथ वे बनारस आए थे। मंडलायुक्त के साथ भी बैठक कर सुविधाओं के स्तर पर एशिया के सबसे बड़े अस्पताल के संबंध में चर्चा की थी। आबूधाबी गए पीएम मोदी से भी उन्होंने कबीर सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल और इसका प्लान तैयार होने की जानकारी साझा की थी। अस्पताल और कैंसर पीड़ित पुनर्वास केंद्र 2022 तक तैयार करने का लक्ष्य है।
बनारस में हैं दो कैंसर अस्पताल वास्तव में केंद्र सरकार की ओर से हाल के वर्षो में बनारस में अत्याधुनिक दो कैंसर हास्पिटल स्थापित किए जा चुके हैं। इनमें लहरतारा स्थित होमी भाभा कैंसर अस्पताल में पूरी तरह इलाज किया जा रहा तो बीएचयू में संस्थान शुरूआती चरण में है। बनारस प्रवास के दौरान कबीरचौरा मठ मूलगादी के महंत आचार्य विवेकदास के साथ चर्चा में अंतिम चरण के कैंसर रोगियों की देखरेख पर चर्चा में परियोजना की परिकल्पना की गई। जमीन का मसला हल होते ही बात आगे बढ़ गई। आचार्य विवेक दास के अनुसार संत कबीर का जीवन असहायों की सेवा को समर्पित था। कैंसर पुनर्वास केंद्र उनके सपनों को साकार करने की दिशा में प्रयास होगा।