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अनुज्ञप्ति लाइसेंस के बाद ही अस्पतालों का होगा पंजीकरण, वाराणसी नगर आयुक्त के भेजे गए अनुरोध पत्र पर डीएम सहमत

अब नगर निगम सीमा में संचालित कोई भी अस्पताल नर्सिंग होम या प्रसूति गृह नगर निगम के अनुज्ञप्ति लाइसेंस के बाद ही अपना पंजीकरण व नवीनीकरण करा सकते हैं। नगर आयुक्त की ओर से भेजे गए अनुरोध पत्र के बाद डीएम इस बिंदू पर सहमत हो गए हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 20 Nov 2021 11:08 AM (IST)Updated: Sat, 20 Nov 2021 11:08 AM (IST)
अनुज्ञप्ति लाइसेंस के बाद ही अस्पतालों का होगा पंजीकरण, वाराणसी नगर आयुक्त के भेजे गए अनुरोध पत्र पर डीएम सहमत
अनुज्ञप्ति लाइसेंस के बाद ही अस्पतालों का होगा पंजीकरण

जागरण संवाददाता, वाराणसी। अब नगर निगम सीमा में संचालित कोई भी अस्पताल, नर्सिंग होम या प्रसूति गृह नगर निगम के अनुज्ञप्ति लाइसेंस के बाद ही अपना पंजीकरण व नवीनीकरण करा सकते हैं। नगर आयुक्त प्रणय सिंह की ओर से भेजे गए अनुरोध पत्र के बाद डीएम कौशल राज शर्मा इस बिंदू पर सहमत हो गए हैं।

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दरअसल, हर साल यह देखा जा रहा था कि नगर निगम क्षेत्र में संचालित सैकड़ों अस्पताल, नर्सिंग होम, पैथालाजी सेन्टर, डेन्टल क्लिनिक, प्रसुति गृह, एक्स-रे क्लिनिक, प्राइवेट क्लिनिक निर्धारित वार्षिक अनुज्ञप्ति शुल्क जमा किए ही सीएमओ से चिकित्सकीय संस्थानों का पंजीकरण व नवीनीकरण करा लेते थे। इस दिशा में प्रणय सिंह ने डीएम से बात करते हुए एक पत्र भेजा जिसके बाद डीएम ने सहमति दी की हर हाल में अनुज्ञप्ति लाईसेंस लेना अनिवार्य है। नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके द्विवेदी के हवाले से जनसंपर्क अधिकारी संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि अनुज्ञप्ति शुल्क नहीं जमा होने से हर वर्ष नगर निगम को लाखों की राजस्व हानि होती थी।

बताया कि नगर के सभी चिकित्सा संस्थान हर वर्ष सीएमओ कार्यालय में नवीनीकरण व पंजीकरण कराते हैं लेकिन नगर निगम के उपविधि में 1999 से प्रभावी अनुज्ञप्ति शुल्क नहीं जमा कर रहे हैं। जबकि इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा योजित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2014 में आदेश दिया है जिसके क्रम में नगर निगम को अनुज्ञप्ति शुल्क वसूलने का अधिकार है। नगर आयुक्त प्रणय सिंह ने नगर निगम सीमा में शामिल 84 नए गांवों की मंगलवार की सुबह सुधि ली तो महकमे में हड़कम्प मच गया। नगर आयुक्त की मंशा थी कि वहां बुनियादी सुविधाओं की टोह ली जाए ताकि पब्लिक को कौन सी बुनियादी सुविधाएं मिल रही है। नगर आयुक्त ने अल सुबह आठ बजे उन 22 अधिकारियों को अपने कैम्प कार्यालय बुलाया जिनके कंधे पर इन गांवों के निरीक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इस औचक निरीक्षण के बाद नगर निगम के अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों में दिन भर हड़कम्प मचा रहा।

सभी 21 अधिकारी नगर आयुक्त ने उन्हें निरीक्षण के लिए आवंटित गांवों एंव वहां तैनात कर्मचारियों की सूची पकड़ाते हुए निर्देश दिया कि सभी अपने आवंटित क्षेत्रों में तत्काल पहुंचे एवं सफाई व्यवस्था का निरीक्षण करें। कहा कि नागरिकों से सफाई व्यवस्था का फीडबैक लेते हुए निरीक्षण आख्या प्रस्तुत की जाए ताकि असल स्थिति की जानकारी हो सके। नगर आयुक्त ने कहा कि समय-समय पर अन्य क्षेत्रों में भी इसी प्रकार औचक जांच कराई जाएगी। उधर, प्राप्त निरीक्षण आख्या को बनाने की कार्यवाही जारी थी।


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