बलिया में बारिश के कारण गल गईं कच्ची ईंटें, भट्ठा मालिकों को पांच करोड़ का लगा झटका
चक्रवाती टाक्टे तूफान का असर जिले में भी पड़ा है। बारिश ने ईंट उद्योग को तगड़ा झटका दिया है। जनपद में पांच करोड़ रुपये से भी अधिक का नुकसान हुआ है। बड़े पैमाने पर कच्ची ईंटें गल गई हैं। इसके कारण फिर ईंटों के दाम बढ़ने की संभावना है।
बलिया, जेएनएन। चक्रवाती टाक्टे तूफान का असर जिले में भी पड़ा है। बारिश ने ईंट उद्योग को तगड़ा झटका दिया है। जनपद में पांच करोड़ रुपये से भी अधिक का नुकसान हुआ है। बड़े पैमाने पर कच्ची ईंटें गल गई हैं। इसके कारण एक बार फिर ईंटों के दाम बढ़ने की संभावना है।
जिले में लगभग 350 ईंट उद्योग की यूनिट चल रही हैं। चक्रवाती तूफान ने ईंट भट्ठा मालिकों की नींद उड़ा कर रख दी है। इससे भट्ठी की धधकती आग ठंडी पड़ गई है। ईंट पाथने में लगे मजदूर भी बेहाल हो गए हैं। सभी ईंट भट्ठा पर कम से डेढ़ से दो लाख रुपये तक की क्षति हुई है। जिला ईंट निर्माता संघ के महामंत्री अनिल सिंह ने बताया कि बारिश के कारण ईंट कारोबार को भारी नुकसान हुआ है। काम बंद हो जाने से मजदूरों का खर्च भी उठाना पड़ेगा। इसका सीधा असर उत्पादन के साथ रेट पर भी पड़ेगा। पिछले साल भी लॉकडाउन के कारण नुकसान हुआ था। अब बारिश ने कारोबार पर पानी फेर दिया है। कम से कम एक भट्ठे पर डेढ़ लाख रुपये का नुकसान हुआ है। भट्ठा मालिकों ने जिला प्रशासन से नुकसान की भरपाई के लिए टैक्स में राहत की गुहार लगाई है।
क्रय केंद्रों के बाहर बड़ी संख्या में किसानों का गेहूं भींग गया
झमाझम बारिश के बीच क्रय केंद्रों के बाहर बड़ी संख्या में किसानों का गेहूं भींग गया। केंदों पर खरीद भी प्रभावित हो गई है। इससे किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा। उनके सामने संकट गहरा गया है। वे अपनी उपज को बर्बाद होते देखकर हताश हैं। वे अभी भी गेहूं बचाने की जद्दोजहद कर रहे हैं। दोकटी : क्रय केंद्र लालगंज पर दुर्व्यवस्था के कारण किसान पहले से काफी परेशान थे रही सही कसर गुरुवार को पूरी हो गई। बारिश में गेहूं भीग गया जिससे किसानों में काफी आक्रोश व्याप्त है। किसानों का कहना है कि जब क्रय केंद्र खोला गया तब से वे लोग गेहूं लाकर रखे हैं लेकिन आज तक वजन नहीं हो पाया है।
जगदेवा निवासी सुधा शंकर यादव ने बताया कि टोकन 12 तारीख को जमा किया था। 17 मई को गेहूं क्रय केंद्र पर लाकर रख दिया। दो दिनों तक ट्रैक्टर खड़ा रहा। उसका किराया अलग से देना पड़ा। उसके बाद नीचे रखा गया गेहूं बारिश में गेहूं भीग गया। आखिर इसका जिम्मेदार कौन है। चिलकहर: वर्षा से दर्जनों किसानों का गेहूं भींग गया। वहीं कई किसान अपना गेहूं खरीद केंद्र तक नहीं ले जा सके। उधर इस बारिश से किसानों को धान की नर्सरी डालने में राहत मिली।पूर: गेहूं क्रय केंद्र पर किसानों का काफी नुकसान हुआ। बारिश में एक दर्जन किसानों का गेहूं भींग गया। इससे किसानों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।