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रामेश्वर महादेव पंचक्रोशी तीर्थधाम में पहुंचने लगा तीर्थ यात्रियों का दल, सुबह लगा बाटी चोखा का भोग

सुब‍ह स्नान ध्यान के बाद मंदिरों में दर्शन पूजन के बाद प्रसाद बनाया और धर्मशालाओं में आराम किया। दरअसल पंचक्रोशी में विभिन्‍न पड़ावों पर तीर्थ यात्री दर्शन पूजन करते हुए पैदल यात्रा करते हैं और मंदिरों में अपनी आस्‍था व्‍यक्‍त करते हुए धार्मिक कार्यों की पूर्ति कर मन्‍नत मांगते हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Fri, 25 Sep 2020 12:26 PM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 01:50 PM (IST)
रामेश्वर महादेव पंचक्रोशी तीर्थधाम में पहुंचने लगा तीर्थ यात्रियों का दल, सुबह लगा बाटी चोखा का भोग
रामेश्वर महादेव पंचक्रोशी तीर्थधाम में अब यात्रियों का दल पहुंचने लगा है।

वाराणसी, जेएनएन। रामेश्वर महादेव पंचक्रोशी तीर्थधाम में अब यात्रियों का दल पहुंचने लगा है। शुक्रवार की सुब‍ह स्नान ध्यान के बाद मंदिरों में दर्शन पूजन के बाद प्रसाद बनाया और प्रसाद ग्रहण कर धर्मशालाओं में आराम भी किया। दरअसल पंचक्रोशी में विभिन्‍न पड़ावों पर तीर्थ यात्री दर्शन पूजन करते हुए पैदल यात्रा करते हैं और मंदिरों में अपनी आस्‍था व्‍यक्‍त करते हुए धार्मिक कार्यों की पूर्ति कर मन्‍नत मांगते हैं। इसी कड़ी में भगवान राम के द्वारा वरुणा नदी की रेत से बनाए गए रामेश्‍वर महादेव मंदिर पर यात्रियों का दल पहुंचने लगा है। यहां दर्शन पूजन करने के बाद यात्रियों का रेला आगे के पड़ाव के लिए बढ़ेगा।

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इससे एक दिन पूर्व रोहनिया में पंचकोशी यात्रा के दूसरे पड़ाव भीमचंडी में उप जिलाधिकारी राजातालाब मड़िकण्डन ए ने बृहस्पतिवार को धर्मशालाओं के साथ साथ गंधर्व सागर तालाब का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान धर्मशाला में गांव के स्थानीय कुछ लोगों द्वारा किए गए कब्जा को हटवाया। पंचकोशी यात्रियों के लिए बिजली तथा पानी की समुचित व्यवस्था तथा धर्मशाला में विश्राम के लिए साफ सफाई करने के लिए संबंधित कर्मचारियों और ग्राम प्रधान को भी आदेश दिया। कहा कि यात्रियों को किसी प्रकार की दिक्कत व असुविधा नहीं होनी चाहिये।

लगा बाटी चोखा का भाेग

विभिन्‍न पड़ावों पर यात्रियों का रेला पहुंचा तो बाटी चोखा का भोग भी लगा। सुबह से ही तीर्थ यात्री कंडों पर बाटी बनाने और चोखा के लिए बैगन आलू और टमाटर भूनने के लिए सक्रिय हाे गए। चारों ओर सुबह कंडे के धुएं और बाटी चोखा की सुवास से क्षेत्र महमह कर उठा। अपने इष्‍ट देव को याद कर मंदिर में भगवान को भी बाटी चोखा का भोग लगाया और खुद भी प्रसाद ग्रहण करने के बाद हर हर महादेव के बोल के बाद आगे का सफर शुरु कर दिया। इस दौरान विभिन्‍न जगहों पर यात्रियों की सुविधा के लिए विश्राम स्‍थल मिले तो यात्रियों ने अपनी थकावट भी दूर की। बताते चलें कि लोक मान्‍यताओं का पर्व लोटा भंटा मेला भी वाराणसी में इसी क्षेत्र में लगता है जब लोग अपनी मन्‍नतों के साथ रात्रि प्रवास कर बाटी चोखा का भोग भगवान शिव को लगाते हैं।


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