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Raksha bandhan 2020 : तीन करोड़ की ही बिक सकीं राखियां, बाजार पर छाया कोरोना का खतरा

कोरोना वायरस का असर इस बार राखी के बाजार पर भी पड़ा। पहले जहां हर साल सात करोड़ से अधिक की राखियां बिक जाती थींं वहीं इस बार यह आंकड़ा तीन करोड़ तक ही पहुंच पाया।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 06:05 AM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 09:32 AM (IST)
Raksha bandhan 2020 : तीन करोड़ की ही बिक सकीं राखियां, बाजार पर छाया कोरोना का खतरा
Raksha bandhan 2020 : तीन करोड़ की ही बिक सकीं राखियां, बाजार पर छाया कोरोना का खतरा

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना का असर इस बार राखी के बाजार पर भी पड़ा। पहले जहां हर साल सात करोड़ से अधिक की राखियां बिक जाती थींं, वहीं इस बार यह आंकड़ा तीन करोड़ तक ही पहुंच पाया। कारण कि ग्राहक बाजार में निकले ही नहीं। हालांकि किस्मत अच्छी रही है कि अंत समय में प्रशासन ने राखी को लेकर तीन दिन दुकानें खोलने की अनुमति दे दी। यह तीन दिन दुकानदारों के लिए संजीवनी साबित हुई। इस साल बाजार से चाइनीज राखियों की पूरी तरह छुट्टी हो गई। लोगों ने स्वदेशी राखी को ही अपनाया।

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इस बार रक्षाबंधन को लेकर लोग शुरू से ही स्वदेशी राखी अपनाने एवं चाइनीज का बहिष्कार करने का मन बना चुके थे। लद्दाख की गलवन घाटी में उपजे हालात के बीच न तो दुकानदारों ने चाइनीज आइटम मंगाया और न ही ग्राहकों में इसकी तनिक भी डिमांड रही। हां, कुछ दुकानदार पैसे की लालच में चाइनीज राखी मंगाए जरूर थे, लेकिन लोगों ने चीन की तरह उनको भी तमाचा मार दिया।

कोलकाता व गुजरात की राखी की धूम

हड़हा सराय, राजादरवाजा स्थित जायसवाल साफा के प्रोप्राइटर अभिषेक जायसवाल ने बताया कि इस बार सबसे अधिक कोलकाता, अहमदाबाद, राजकोट, सूरत, दिल्ली व मुंबई से राखियां मंगाई गई थीं। बताया कि यहां से वाराणसी के साथ ही पूर्वांचल के अन्य एवं बिहार के कुछ जिलों में आपूॢत की जाती है। बताया कि कोरोना के कारण इस साल 50 फीसद से अधिक तक कारोबार पर असर पड़ा है। हालांकि अंत समय में तीन दिन अतिरिक्त दुकानें खोलने की छूट मिलने से काफी हद तक कारोबार संभल गया। इस दौरान दुकानदारों का माल निकल गया, वरना स्थिति और खराब हो गई होती। खास बात थी कि इस बार स्वदेशी में ही बेहतर गुणवत्ता व डिजाइन की राखियां बाजार में थीं, जिससे की चाइनीज राखी के न होने का असर नहीं पड़ा।

कम दाम वाली राखी ही अधिक बिकी

राजादरवाजा के दुकानदार पी जायसवाल ने बताया कि इस बार लोगों में कम दाम वाली राखियों की ही मांग रही। सबसे अधिक 10-15 रुपये वाली राखी ही बिक्री हो रही थी। चाइनीज राखी तो बिल्कुल नहीं मंगाई गई थी।

शहर में 25 थोक दुकानें

शहर में करीब 25 थोक दुकानें हैं। यहां से पूरे पूर्वांचल के दुकानदार राखी ले जाते हैं। बताया जा रहा है कि पिछले साल एक दुकान पर 25-30 लाख की बिक्री हुई थी। हलांकि इस साल आधे से अधिक बिक्री पर असर पड़ा है।


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