वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ को बांधी गई राखी, श्रावणी पूर्णिमा पर हुआ विशेष श्रृंगार
अटूट प्रेम और विश्वास का पर्व रक्षाबंधन रविवार को काशी में बड़े उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इसकी शुरुआत बाबा दरबार से हुई। श्रावणी पूर्णिमा पर भोर में बाबा को पंचामृत स्नान कराया गया। उसके बाद उनकी पांच सुगंधित पुष्पों से बाबा की विशेष झांकी सजाई गई।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। अटूट प्रेम और विश्वास का पर्व रक्षाबंधन रविवार को काशी में बड़े उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इसकी शुरुआत बाबा दरबार से हुई। श्रावणी पूर्णिमा पर भोर में बाबा को पंचामृत स्नान कराया गया। उसके बाद उनकी पांच सुगंधित पुष्पों से बाबा की विशेष झांकी सजाई गई। इसके बाद बाबा की मंगला आरती की गई। मंगला आरती के बाद बाबा का झांकी दर्शन द्वार आम भक्तों के दर्शन के खोल दिया गया। आस्थावानों की भीड़ बाबा दरबार में भोर से ही जुटी रही।
बाबा को बांधी गयी रखी
सनातन धर्म में भाई-बहन के प्रेम और विश्वास के पर्व रक्षाबंधन पर सबसे पहले सुबह छह बजे काशीपुराधिपति बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ को मंदिर के अर्चकों ने राखी बांधी। इसके बाद काशी में बहनें अपने भाईयों को राखी शुरू की।
मंगला आरती में जुटे दो सौ लोग
श्रावणी पूर्णिमा पर बाबा दरबार में मंगला आरती के दौरान करीब दो सौ लोग जुटे थे। रविवार को छुट्टी का दिन होने के कारण बाबा दरबार में मंगला आरती के दौरान काफी भीड़ रही।
शाम को होगा बाबा विश्वनाथ का झूलनोत्सव श्रृंगार
श्रावणी पूर्णिमा पर शाम को बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ का परिवार संग झूलनोत्सव श्रृंगार की परंपरा रही है। इस विशेष श्रृंगार में शिव-पार्वती और गणेश जी की चल प्रतिमाओं का झूला श्रृंगार देर शाम गर्भगृह में होगा। शाम चार बजे परंपरानुसार टेढीनिम स्थित महंत आवास से पंचबदन प्रतिमा एवं झूला रविवार को (श्रावण पूर्णिमा) के दिन विश्वनाथ गली, साक्षी विनायक ढुंडीराज होते हुए मंदिर के गर्भ गृह में ले जाकर झुलनोत्सव श्रृंगार किया जायगा। सप्तर्षि आरती के बाद बाबा सपरिवार झुला पर विराजमान होंगे। भक्त बाबा को झूला झुलाएंगे। मंदिर के गर्भ गृह में महंत परिवार की ओर से बाबा के हरियाली श्रृंगार की भी परंपरा है। रात में बाबा विश्वनाथ की पंचबदन प्रतिमा जिसमें गोद में माता पार्वती और पुत्र गणेश के साथ झुला पर ही विशेष आरती की जाएगी।