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कारपोरेट घरानों के लिए लाभदायक सिद्ध हो रही केंद्र सरकार, चंदौली में बोले भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानून किसान विरोधी एवं कारपोरेट घरानों के लिए लाभदायक हैं। केंद्र सरकार कारपोरेट घरानों के सामने सारी जमीन को गिरवी रखना चाहती है लेकिन ऐसा होने नहीं देंगे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 09 Apr 2021 06:28 PM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 06:28 PM (IST)
कारपोरेट घरानों के लिए लाभदायक सिद्ध हो रही केंद्र सरकार, चंदौली में बोले भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत
चंदौली के इलिया के भीटिया गांव में किसान महापंचायत को संबोधित करते राकेश टिकैत।

चंदौली, जेएनएन। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानून किसान विरोधी एवं कारपोरेट घरानों के लिए लाभदायक हैं। केंद्र सरकार कारपोरेट घरानों के सामने सारी जमीन को गिरवी रखना चाहती है लेकिन, ऐसा होने नहीं देंगे। वे भिटियां के शिवजी मंदिर परिसर में शुक्रवार को किसान विकास मंच के आठवें स्थापना दिवस पर संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से आयोजित किसान महापंचायत में बोल रहे थे।

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कहा, केंद्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 रुपये किया है लेकिन उसकी खरीद 1600 रुपये में हो रही है। कारपोरेट घराने के लोग 20-20 लाख टन अनाज अपने गोदामों में रखते हैं और उसे महंगे दाम पर बेचकर काफी मुनाफा कमाते हैं। किसानों को आंदोलन में शामिल होने के लिए अपील करते हुए कहा कि अगर देश के सभी किसान जागरूक नहीं हुए तो आने वाली पीढ़ी उन्हें कभी माफ नहीं करेगी। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह ने कहा कृषि कानून से पहले देश में बड़े-बड़े गोदाम बना दिए गए। यह उन्हीं लोगों को फायदा देने के लिए तैयार किए गए है। देश में भाजपा की सरकार भले ही हो मगर कंपनियां राज कर रही हैं।

जब किसान से आलू खरीदा जाता है तो दो रुपये किलाे की दर से और बाद में उसकी कीमत 40 रुपये किलो हो जाती है। किसानों से सस्ते में अनाज खरीदा जाता है। उन्हें बता दिया जाता है कि उनका अनाज काला और गीला है। व्यापारी के पास जाते ही वह गोल्डन कलर का हो जाता है। छोटे-छोटे दुकानदारों को भी खत्म करने की तैयारी है।

राकेश टिकैत ने कहा है कि साप्ताहिक बाजार खत्म होंगे। वाल-मार्ट जैसी कंपनियां आ रही हैं। किसान विकास मंच के जिलाध्यक्ष जैराम सिंह ने कहा, हम तीनों कानून वापस कराकर मानेंगे। देश का जवान बार्डर पर टैंकों से लड़ेगा, किसान ट्रैक्टर से और युवा ट्वीटर से लड़ाई लड़ेंगे। यानी ट्रिपल टी का इस्तेमाल करना होगा। आज लड़ाई नहीं लड़ी गई तो आने वाले दिनों में भूख के आधार पर रोटी के रेट तय होंगे और रोटियां तिजोरी में बंद होंगी। राजेश चौहान, राधेश्याम पांडेय, परमानंद कुशवाहा, अजय राय, विद्याधर, सूर्यनाथ सिंह, नीरज सिंह, राजनाथ यादव आदि की नेता व किसान उपस्थित थे। अध्यक्षता रामअनंत पांडेय एवं संचालन रामअवध सिंह व सुरेश यादव ने किया।

किसानों ने बेसब्री से किया टिकैत का इंतजार

भिटिया के शिव मंदिर में शुक्रवार को आयोजित किसान महापंचायत में किसान ट्रैक्टर और अन्य साधनों से पहुंचे तो आसपास मेले जैसा नजारा हो गया। सुबह 11 बजे प्रस्तावित कार्यक्रम में विलंब से पहुंचे किसान नेता राकेश

टिकैत के आगमन को लेकर किसानों ने बेसब्री उनका इंतजार किया। कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने से पहले उन्होंने शिवजी मंदिर में मत्था टेका। टिकैत ने किसान महापंचायत के दौरान किसानों को संबोधित कर अफवाहों से दूर रहने की नसीहत दी। इससे पूर्व छत्तीसगढ़ नक्सली हमले में शहीद हुए धर्मदेव गुप्ता के शोक में दो मिनट मौन रखकर संवेदना व्यक्त की।


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