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डीरेका में रेलवे कर्मचारियों ने निगमीकरण और निजीकरण के विरोध में किया प्रदर्शन

भारतीय रेलवे मजदूर संघ के आह्वान पर भारत सरकार रेल मंत्रालय द्वारा किए जा रहे निजीकरण एवं निगमीकरण को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 08 Sep 2020 05:39 PM (IST)Updated: Tue, 08 Sep 2020 05:41 PM (IST)
डीरेका में रेलवे कर्मचारियों ने निगमीकरण और निजीकरण के विरोध में किया प्रदर्शन
डीरेका में रेलवे कर्मचारियों ने निगमीकरण और निजीकरण के विरोध में किया प्रदर्शन

वाराणसी, जेएनएन। भारतीय रेलवे मजदूर संघ के आह्वान पर भारत सरकार रेल मंत्रालय द्वारा किए जा रहे निजीकरण एवं निगमीकरण को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया। 12 कलस्टर, 129 रूटों की 151 ट्रेनो को प्राईवेट ट्रेन आपरेटरों को सौंपने के लिए किए जा रहे निविदा के विरोध में डीएलडब्ल्यू मजदूर संघ द्वारा डीरेका में एवं पूरे देश में संघर्ष दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। मजदूर एकता का प्रदर्शन करते हुए मंगलवार को परिसर में कर्मचारियों ने एकजुटता दिखाते हुए बैनर और पोस्‍टर के साथ नारेबाजी की अौर मांगों के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद की।

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उसी क्रम में डीरेका कारखाने के पूर्वी गेट पर डीएलडब्ल्यू मजदूर संघ के सैकड़ों कार्यकर्ताओं और डीरेका कर्मियों ने प्रस्तावित निजीकरण, निगमीकरण के विरोध में जोरदार आवाज बुलंद की। डीएलडब्ल्यू मजदूर संघ के कार्यकारी अध्यक्ष राधा बल्लभ ने कहा कि भारत सरकार की निजीकरण की नीति रेल को बर्बाद करके रख देगी। इससे कर्मचारियों सहित देश का भी बड़ा नुकसान होगा। उक्त विरोध कार्यक्रम में भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री राकेश पाण्डेय, डीएलडब्ल्यू मजदूर संघ के सहायक महामंत्री सह कर्मचारी परिषद सदस्य नवीन सिन्हा, नरेन्द्र कुमार मिश्र उप महामंत्री कमलेश चंद पांडेय संगठन मंत्री, पूर्व संयुक्त सचिव वी डी दुबे, के के पाठक आदि ने भी सरकार की मजदूर विरोधी और रेल विरोधी नीतियों की जोरदार विरोध किया।


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