सिर्फ एक घंटे का होगा मऊ से वाराणसी तक रेल सफर, विद्युतीकरण कार्य हो गया पूरा
लाकडाउन के भीतर ही औडि़हार जंक्शन से भटनी जंक्शन तक विद्युतीकरण का कार्य पूरा कर दिखाने वाले पूर्वोत्तर रेलवे के अधिकारी इसी तत्परता से औडि़हार से भटनी जंक्शन तक रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण कार्य के लिए भी जुट गए हैं।
मऊ, जेएनएन। पूर्वाेत्तर रेलवे में विकास की एक और महात्वाकांक्षी योजना साकार होने के लिए धरातल पर उतरने लगी है। जी हां, लॉकडाउन के भीतर ही औडि़हार जंक्शन से भटनी जंक्शन तक विद्युतीकरण का कार्य पूरा कर दिखाने वाले पूर्वोत्तर रेलवे के अधिकारी इसी तत्परता से औडि़हार से भटनी जंक्शन तक रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण कार्य के लिए भी जुट गए हैं। रेलवे के जानकारों का मानना है कि दोहरीकरण कार्य शीघ्र पूरा कर लिया गया तो बहुत जल्द तीव्र गति के ट्रेनों के चलने से मऊ से वाराणसी तक का सफर सिर्फ एक घंटे का हो जाएगा।
पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों ने दशकों बाद पूर्वांचल में रेलवे के क्षेत्र में विकास की बातें नहीं बल्कि काम होते देखा है। जिले के जाने-माने अर्थशास्त्री एवं डीसीएसके पीजी कालेज में अर्थशास्त्र के एसोसिएट प्रोफेसर डा.चंद्रप्रकाश राय ने कहा कि विद्युतीकरण और दोहरीकरण का कार्य पूरा होने का सबसे बड़ा लाभ मऊ जिले को मिलेगा। वाराणसी और मऊ के बीच सफर पर लगने वाला समय घटा तो इस क्षेत्र के बाजार और विकास की संभावनाएं कई गुना बढ़ जाएंगी। मऊ शहर एक साथ अपनी दक्षता के साथ-साथ वाराणसी के विकास का भी लाभ उठा सकेगा। वाराणसी में विकसित शिक्षा, बाजार, पर्यटन, चिकित्सा विज्ञान सबका लाभ कम मूल्य में यहां के लोग उठा सकेंगे। उधर, रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण को लेकर औडि़हार से सादात के बीच जहां जरूरत है वहां मिट्टी पाटने का कार्य शुरू कर दिया गया है।
औडि़हार से भटनी तक दोहरीकरण तक रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण
औडि़हार से भटनी तक दोहरीकरण तक रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण को लेकर प्रयास तेजी से किए जा रहे हैं। इस क्षेत्र के स्टेशनों के विकास पर रेलवे की ओर से पूरा ध्यान दिया जा रहा है।
- सिरनाम सिंह, डीसीआइ, मऊ।