Purvanchal University: जुलाई मध्य तक कराई जाएगी सेमेस्टर की परीक्षाएं 28 जून तक करेंगे ऑनलाइन आवेदन
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में प्रवेशित सेमेस्टर छात्र-छात्राओं के लिए एक बार फिर फार्म आॅनलाइन करने का अवसर दिया गया है।
जौनपुर, जेएनएन। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में प्रवेशित सेमेस्टर छात्र-छात्राओं के लिए एक बार फिर फार्म आॅनलाइन करने का अवसर दिया गया है। इसके लिए समय विलंब शुल्क के साथ 28 जून तक है। इस बार कालेज फार्म का सत्यापन व परीक्षा शुल्क भी ऑनलाइन जमा करेंगे।
संबद्ध कालेजों में प्रवेशित छात्राओं के संस्थागत, भूतपूर्व, कैरी फॉरवर्ड, बीएड द्वितीय सेमेस्टर सत्र 2019-21 तथा बीएड चतुर्थ सेमेस्टर सत्र 2017-19, एमएड द्वितीय एवं चतुर्थ सेमेस्टर, बीपीएड द्वितीय सेमेस्टर, विधि द्वितीय, चतुर्थ एवं छठवें सेमेस्टर, बीबीए-बीसीए द्वितीय एवं चतुर्थ एवं छठवें सेमेस्टर सत्र 2019-20 तथा बीएससी कृषि एवं एमएससी कृषि द्वितीय सेमेस्टर सत्र 2019-20 परीक्षा के लिए ऑनलाइन फार्म भरे जाने एवं विश्वविद्यालय में शुल्क जमा करने की तिथियां तीसरी बार घोषित की गई हैं। परीक्षा फार्म का ऑनलाइन आवेदन बगैर विलंब शुल्क के 18 से 23 जून और विलंब शुल्क के साथ 28 जून तक ऑनलाइन भरा जाएगा। परीक्षा फार्म समस्त शुल्क व नॉमिनल रोल के साथ 30 जून तक हार्डकापी के साथ जमा किया जाएगा। इस बार परीक्षा फार्म के सत्यापन व परीक्षा शुल्क विश्वविद्यालय में ऑनलाइन जमा किए जाएंगे। परीक्षा नियंत्रक बीएन सिंह ने बताया कि परीक्षा फार्म के आनलाइन आवेदन के बाद जुलाई के मध्य तक परीक्षा तिथि भी घोषित कर दी जाएगी।
विद्यापीठ व संविवि ने अब तक नहीं जारी किए टाइम टेबल
विश्वविद्यालयों में स्नातक व स्नातकोत्तर की परीक्षाओं की तिथि को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए विश्वविद्यालय टाइम टेबल जारी करने से कतरा रहे हैं। उन्हें शासन की गाइड लाइन का इंतजार है। अब शासन की गाइड लाइन जारी होने के बाद ही महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, उदय प्रताप स्वायत्तशासी कालेज, अग्रसेन कन्या पीजी कालेज परीक्षा की नई तिथि घोषित करेगा।काशी विद्यापीठ ने स्नातक की शेष वार्षिक परीक्षाएं व स्नातकोत्तर सेमेस्टर की परीक्षाएं पहली जुलाई से शुरू करने पर विचार कर रहा था। विश्वविद्यालय की मंशा 15 दिनों के भीतर सभी परीक्षाएं कराने की थी। इसकी तैयारी भी शुरू कर दी गई थी। हालांकि बाद में विश्वविद्यालय प्रशासन ने कदम पीछे खींच लिया।