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मंदी की चपेट में फर्नीचर उद्योग, उबारने में जुटे हैं कारोबारी, पांच हजार कारखानों पर असर

पूर्वांचल का प्रमुख फर्नीचर कारोबार भी मंदी की चपेट में है। 100 करोड़ के कारोबार में 15 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 30 Aug 2019 08:51 PM (IST)Updated: Sat, 31 Aug 2019 09:16 AM (IST)
मंदी की चपेट में फर्नीचर उद्योग, उबारने में जुटे हैं कारोबारी, पांच हजार कारखानों पर असर
मंदी की चपेट में फर्नीचर उद्योग, उबारने में जुटे हैं कारोबारी, पांच हजार कारखानों पर असर

वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल का प्रमुख फर्नीचर कारोबार भी मंदी की चपेट में है। 100 करोड़ के कारोबार में 15 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है। कारोबारियों, उद्यमियों ने गिरते व्यवसाय को संभालने के लिए खर्च में कटौती की तो शोरूम व कारखानों से करीब दो हजार कामगार  बाहर हो गए। दुश्वारियों के बावजूद कारोबारी दम भर रहे कि सरकार रियायतें दे तो उबरने में देर नहीं लगेगी। बैंक, जीएसटी पोर्टल की जटिलताएं एक पग नहीं बढऩे दे रहीं।  

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पूर्वी यूपी व बिहार में जाते लकड़ी के उत्पाद

वाराणसी का फर्नीचर कारोबार पूर्वी उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार तक में फैला है। यहां पांच हजार से ज्यादा कारखानों में तैयार पलंग, आलमीरा, डिजाइनर कुर्सियों की जबरदस्त डिमांड पूरे साल बनी रहती है। हाल के तीन चार महीनों में एकाएक गिराटव आई है। 15 फीसद से ज्यादा गिरावट के कारण कारोबारी खर्च में कटौती करने लगे हैं। नतीजतन बड़ी संख्या में कामगारों को बाहर का रास्ता देखना पड़ गया है। कारोबारियों ने बताया कि सरकार रियायतें दे तो फर्नीचर उद्योग फिर से फर्राटा भरने लगेगा। ऐसा नहीं हुआ तो कारखानों पर ताला चढऩे की नौबत भी देखनी पड़ सकती है।

कारोबार की दुश्वारियां

- आनलाइन बाजार ने घरेलू व्यापार को चौपट कर दिया है।

- माल लोडिंग को खड़े वाहनों का चालान

- क्रेडिट कार्ड से भुगतान पर चार्ज वसूला जाना

- जीएसटी पोर्टल की पेंचीदिगी


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