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Good News : पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे मई से होगा सक्रिय, जुलाई में आजमगढ़-वाराणसी हाईवे पर भरिए रफ्तार

केंद्र सरकार की सड़क परिवहन मंत्रालय की वीडियो कांफ्रेंसिंग में कार्यदायी संस्था ने जुलाई से पूर्व हाईवे को तैयार करने का भरोसा दिया है। दोनों ही उपलब्धियां मिलने के बाद आजमगढ़ ही नहीं पूर्वांचल में आर्थिक गतिविधियां उफान पर होंगी।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 06 Apr 2021 12:39 PM (IST)Updated: Tue, 06 Apr 2021 12:39 PM (IST)
Good News : पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे मई से होगा सक्रिय, जुलाई में आजमगढ़-वाराणसी हाईवे पर भरिए रफ्तार
वीडियो कांफ्रेंसिंग में कार्यदायी संस्था ने जुलाई से पूर्व हाईवे को तैयार करने का भरोसा दिया है।

आजमगढ़, जेएनएन। खुश हाेइए...। आजमगढ़ से वाराणसी नेशनल हाईवे आगामी जुलाई माह में जनता को समर्पित हो जाएगा। इससे पूर्व पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे मई माह में जनता के लिए खोल दिया जाएगा। केंद्र सरकार की सड़क परिवहन मंत्रालय की वीडियो कांफ्रेंसिंग में कार्यदायी संस्था ने जुलाई से पूर्व हाईवे को तैयार करने का भरोसा दिया है। दोनों ही उपलब्धियां मिलने के बाद आजमगढ़ ही नहीं पूर्वांचल में आर्थिक गतिविधियां उफान पर होंगी।

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जिलाधिकारी राजेश कुमार ने बातचीत में उक्त जानकारी दी। उन्होंने कहाकि केंद्र सरकार की सड़क परिवहन मंत्रालय नेशलन हाईवे-233 (आजमगढ़-वाराणसी मार्ग) जनता को समर्पित करने के लिए कटिबद्ध है। कहाकि मैं खुद भी नियमित माॅनीटरिंग कर रहा हूं, जिससे किसी तरह की बाधा न आने पाए। रानी की सराय में दिक्कतें थी, जिसे दूर कर लिया गया है। आजमगढ़ जिले की सीमा में 80 फीसद काम हो चुके हैं। हाईवे बनने के बाद आजमगढ़ से वाराणसी की दूरी लोग ढाई घंटे में तय कर सकेंगे। 

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे मई तक शुरू होगा

जिलाधिकारी ने बताया कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। अनुमानत: 22494.66 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट के कार्य प्रगति की शासन से रोजाना जानकारी ली जाती है। जिले में हम लोग भी उसे जल्द पूरा कराने के लिए प्रयासरत रहते हैं। उम्मीद है कि मई में इसे जनता के लिए खोल दिया जाएगा। इस एक्सप्रेस-वे की लम्बाई 340.824 किमी. है। 

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे परियोजना से लाभ

1-पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के निर्माण से प्रदेश का पूर्वी क्षेत्र आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे व यमुना एक्सप्रेस-वे से जुड़कर यातायात काे सुगम बनाएगा।

2-वाहनों के ईंधन खपत में महत्वपूर्ण बचत एवं प्रदूषण नियंत्रण भी संभव हो सकेगा।

3-सामाजिक एवं आर्थिक विकास के साथ ही कृषि, वाणिज्य, पर्यटन तथा उद्योगों की आय को बढ़ावा मिलेगा।

4-हैण्डलूम उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, भण्डारण गृह, मण्डी  तथा दुग्ध आधारित उद्योगों की स्थापना में एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा। 

5-पर्यटन के विकास को बल मिलेगा एवं विकास से उपेक्षित प्रदेश के पूर्वी क्षेत्रों का सर्वांगीण विकास होगा।


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