Sant Ravidas Jayanti पंजाब की रद ट्रेनों ने बढ़ाई रैदासियों की चिंता, मंदिर प्रबंधन की ओर से हो रही व्यवस्था
श्रीगुरु रविदास जयंती की तैयारी पर इस बार कोरोना संकट के कारण कई समस्याएं पैदा हो गई हैं। इनमें प्रमुख यह कि कई ट्रेनें निरस्त हैं। इससे जयंती-महोत्सव में आने वाले श्रद्धालुओं और सेवादारों के सामने संकट उत्पन्न हो गया है।
वाराणसी, जेएनएन। श्रीगुरु रविदास जयंती की तैयारी पर इस बार कोरोना संकट के कारण कई समस्याएं पैदा हो गई हैं। इनमें प्रमुख यह कि कई ट्रेनें निरस्त हैं। इससे जयंती-महोत्सव में आने वाले श्रद्धालुओं और सेवादारों के सामने संकट उत्पन्न हो गया है। मंदिर प्रबंधन इस समस्या को लेकर काफी चिंतित है। मंदिर के मैनेजर निर्मल ङ्क्षसह ने बताया कि सेवादारों के आने के लिए टिकट हुआ था लेकिन ट्रेन कैंसिल होने के कारण अब वे 20 फरवरी तक किसी वैकल्पिक व्यवस्था के तहत मंदिर पहुंच सकेंगे। सेवादारों के अब तक नहीं आ पाने के कारण तैयारी व जयंती-आयोजन के कार्य काफी धीरे चल रहे हैं।
कोरोना को लेकर ही हर वर्ष आने वाली स्पेशल बेगमपुरा एक्सप्रेस भी निरस्त है। इसलिए मंदिर प्रबंधन ने संत निरंजन दास को हवाई मार्ग से लाने की तैयारी की है। कोरोना के चलते ही रेल मंत्रालय की तरफ से कई ट्रेनें निरस्त हैं। पंजाब से आने वाली आठ से 10 ट्रेनों में अभी मात्र तीन ही चल रही हैं। इनमें एक को छोड़कर बाकी हफ्ते में मात्र दो दिन ही चल रही हैं। इसके कारण यहां आने वाली संगत और सेवादारों को बिलंब हो रहा है। इधर, निर्माणाधीन सत्संग हॉल की पहली छत की ढलाई संत सुरेंद्र दास ने पूजन के बाद शुरू कराई थी, जो कार्य पूरा हो गया है। पंजाब से आए गेंहू की पिसाई यहीं लगी चक्की में शुरू की गई है। ट्रस्टी के एल. सरोए ने बताया कि ट्रेन की समस्या के कारण सेवादारों को आने में देरी हो रही है। जिला प्रशासन की तरफ से साफ- सफाई और सीवर के अलावा सड़क- मरम्मत के कार्य शुरू हो गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी पुलिस प्रशासन तैयारी में जुट गया है।
सीनियर सिटीजन कोटा व छूट समाप्त, टिकट के दाम भी बढ़े
रविदास जयंती में आने वाले कई राज्यों के श्रद्धालु ज्यादातर सीनियर सिटीजन ही हैं । कोरोना काल में सबसे ज्यादा समस्या भी इन्हीं को हुई, जो घर से निकल नहीं पाए। जयंती में आने के समय पहले तो कोटा कैंसिल कर दिया गया और बाद में मिलने वाली छूट भी। अब जो गाडिय़ां चल रही हैं वो स्पेशल हैं जिनमें किराया भी बढ़ा दिया गया है। मंदिर के मैनेजर निर्मल सिंह ने बताया कि पहले जालंधर से बनारस के स्लीपर में 1080 रुपये आने-जाने के लगते थे जो अब 1680 रुपये हो गए। एसी थर्ड का किराया 1300 से 1900 रुपये और सामान्य का 1800 से 2450 रुपये कर दिया गया है जो कोरोना काल मे काफी भारी है।