भविष्य निधि संगठन ने पेश की मिसाल, वाराणसी में अपने कर्मचारियों के लिए बनाया मिनी अस्पताल
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) क्षेत्रीय कार्यालय वाराणसी ने एक मिसाल पेश की है। संगठन ने वाराणसी स्थित अपनी कालोनी भविष्य निधि इन्क्लेव में प्राइमरी केयर सेंटर यानी मिनी अस्पताल बना दिया हैं जिसमें विभाग के कर्मचारियों एवं उनके परिजनों का उपचार हो रहा है।
वाराणसी, मुकेश चंद्र श्रीवास्तव। वैश्विक महामारी कोरोना के कारण हर कोई परेशान है। अक्सर ही देखा जा रहा है कि प्राथमिक उपचार, ऑक्सीजन, अस्पताल में बेड आदि के अभाव में मरीजों की जान चली जा रही है। इस कमी के कारण मरीज एवं उनके परिजन बहुत परेशान हो रहे हैं। चाहे वह सरकारी विभागों में काम करने वाले अधिकारी, कर्मचारी हो या फिर संगठित, गैर संगठित कर्मचारी या आम लोग। खैर, इस समस्या का हल करते हुए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ), क्षेत्रीय कार्यालय वाराणसी ने एक मिसाल पेश की है। संगठन ने वाराणसी स्थित अपनी कालोनी भविष्य निधि इन्क्लेव में प्राइमरी केयर सेंटर यानी मिनी अस्पताल बना दिया हैं, जिसमें विभाग के कर्मचारियों एवं उनके परिजनों का उपचार हो रहा है। इस सेंटर में 13 मरीज ठीक भी हो चुके हैं।
इस सेंटर में ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, दवा आदि की सुविधा हैं। संगठन की इस पहल ने अन्य सरकारी या गैर सरकारी विभागों को भी आइना दिखाया है जो सिर्फ और सिर्फ स्वास्थ्य विभाग पर आश्रित हैं। वाराणसी नगर के अगर सरकारी विभागों की ही बात की जाएं तो नगर निगम, बिजली, डाक विभाग, पीडब्ल्यूडी, पुलिस आदि की खुद की कालोनी है। अगर ये विभाग भी कम से कम अपनी कालोनी में रहने वाले कर्मचारियों एवं उनके परिजनों का प्राथमिक उपचार देने के लिए इस तरह की पहल करते हैं तो संक्रमित की जान भी बचेगी और अस्पतालों का भार भी कम होगा।
क्षेत्रीय भविष्य निधि, (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, क्षेत्रीय कार्यालय, वाराणसी) के आयुक्त- 1 उपेंद्र प्रताप सिंह की पहल पर लखनऊ में भर्ती संगठन के एक आयुक्त की जान बचाने के लिए सात घंटे में ही दो जैंबो ऑक्सीजन सिलेंडर व किट भेजा गया था। इसके अलावा विभाग के ही एक अधिकारी के परिजन बोकारो में जब कोरोना के कारण गंभीर हुए तो उनके यहां से रेलवे एवं विभाग के अधिकारियों की मदद से नौ घंटे में दवा व अन्य जरूरी सामग्री भेजी गई, क्योंकि बोकारो में उस समय दवा उपलब्ध नहीं थी। इसके साथ ही यहां पर कोविड केयर सेंटर भी संचालित किया रहा है, जिसकी स्वीकृति एवं अनुमति सीएमओ की ओर से दी गई है। इस कालोनी में ईपीएफओ के साथ ही ईएसआइसी के अधिकािरयों एवं कर्मचारियों के भी आवास हैं। इसमें करीब 80 परिवार रहता है।
कर्मचारियों एवं उनके परिजनों को प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल भागने की जरूरत नहीं पड़ रही
ईपीएफओ कालोनी में कोविड केयर सेंटर खोलने के बाद कम से कम यहां के कर्मचारियों एवं उनके परिजनों को प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल भागने की जरूरत नहीं पड़ रही है। यहां पर कोरोना की दवाओं के साथ ही ऑक्सीजन सिलेंडर व कंसंट्रेटर की भी व्यवस्था है। सीएमओ की ओर से एसीएमओ को नोडल अधिकारी बनाया गया है। आनडिमांड एक एमओ की भी तैनाती की गई है। साथ ही इस कालोनी में ईएसआइसी अस्पताल के भी स्टाफ के भी आवास हैं। इस लिए अन्य पैरा मेडिकल स्टाफ की भी जरूरत पड़ने में मदद ली जाती है।
- उपेंद्र प्रताप सिंह, आयुक्त-1, क्षेत्रीय भविष्य निधि, वाराणसी