चंदौली में मुख्तार अंसारी गैंग के सलीम की संपत्ति जब्त, पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई से गिरोह के हौसले पस्त
गैंग बनाकर आपराधिक गतिविधियों से अर्जित संपत्ति को लेकर एक्शन के तहत मुख्तार अंसारी गिरोह के सदस्य और करीबी मोहम्मद सलीम पर पुलिसिया कार्रवाई जारी है।
वाराणसी, जेएनएन। गैंग बनाकर आपराधिक गतिविधियों से अर्जित संपत्ति को लेकर एक्शन के तहत मुख्तार अंसारी गिरोह के सदस्य और करीबी मोहम्मद सलीम पर पुलिसिया कार्रवाई जारी है। ताबड़तोड़ हो रही कार्रवाई ने गैंग से जुड़े लोगों के हौसले पस्त कर दिए हैं। इस क्रम में गुरुवार को वाराणसी पुलिस ने चंदौली जिले के दुलहीपुर स्थित सातपोखरा में सलीम की चार लाख रुपये की संपत्ति (मकान) को सीज किया। सीओ कैंट मोहम्मद मुश्ताक के नेतृत्व में शिवपुर व मुगलसराय पुलिस ने कार्रवाई को अंजाम दिया।
मुख्तार के धंधे से जुड़े लोगों की पहचान और आपराधिक इतिहास खंगालते हुए लगातार कार्रवाई की जा रही है। मऊ और गजीपुर के बाद बनारस में भी मुख्तार अंसारी के गिरोह और उनके करीबियों पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। बीते दिनों पुलिस ने बनारस में मुख्तार के करीबी मछली कारोबारी नेता सलीम समेत तीन लोगों को छावनी स्थित मकान से गिरफ्तार किया था। इनके पास से वाहन पर लदी 6.5 टन प्रतिबंधित मछलियां भी बरामद हुई थीं। सलीम की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ करने तत्कालीन एसएसपी प्रभाकर चौधरी खुद कैंट थाने पहुंचे थे। तीनों के खिलाफ महामारी अधिनियम समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस को सूचना मिली थी कि सरगना मुख्तार अंसारी के सहयोगी व गुर्गे अवैध रुप से प्रतिबन्धित मछली व अंडे की बिक्री धड़ल्ले से कर रहे हैं। साथ ही शहर के मछली मंडियों से धमकी देकर अवैध वसूली भी कर रहे हैं। इसी आधार पर छावनी स्थित सलीम के आवास बंगला नंबर-51 में छापेमारी की गई थी। वहां बंगले में एक छोटा तालाब बना हुआ था, जिसमें कई प्रकार की मछलियों के साथ ही प्रतिबंधित थाई मांगुर जैसी मछलियां भी शामिल थी। पुलिसिया कार्रवाई से मुख्तार के गुर्गों में खलबली मची हुई है।
मछली पालन से अर्जित की अकूत संपत्ति
नन्हें खां की तलाश काफी दिनों से पुलिस कर रही थी। लाखों रुपये खर्च कर मगई नदी में पांच मोटे पिीलर निर्माण कर पानी के बहाव को रोकते हुए मछली पालन का धंधा बड़े पैमाने पर किया जाता था। पानी के बहाव को रोक दिए जाने के कारण आसपास के खेत पानी में डूब जाते थे। सैकडों एकड़ फसल जल जमाव के चलते बर्बाद हो जाते थे। अवैध तरीके नदी का पानी रोक कर मछली पालन से नन्हें ने अकूत संपत्ति अर्जित कर ली थी।