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काशी कोतवाल के स्वर्ण रजत पंचबदन प्रतिमा की निकली शोभायात्रा, वर्ष 1954 में बनी थी अनोखी प्रतिमा

Kashi Kotwal वाराणसी में परंपराओं के क्रम में काशी कोतवाल की स्‍वर्ण पंचबदन प्रतिमा की शोभायात्रा निकली तो सड़कों पर मानो आस्‍था का रेला उमड़ पड़ा। प्रतिमा का दर्शन और प्रसाद की कामना से लोग शोभायात्रा में शामिल हुए।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Fri, 01 Jul 2022 11:14 AM (IST)Updated: Fri, 01 Jul 2022 11:14 AM (IST)
काशी कोतवाल के स्वर्ण रजत पंचबदन प्रतिमा की निकली शोभायात्रा, वर्ष 1954 में बनी थी अनोखी प्रतिमा
काशी कोतवाल के स्वर्ण रजत पंचबदन प्रतिमा की शोभायात्रा धूमधाम से निकली।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। काशी के कोतवाल बाबा श्री काल भैरव जी की वर्ष 1954 में निर्मित स्वर्ण - रजत पंचबदन प्रतिमा की भव्य 69 वीं शोभायात्रा शुक्रवार को प्रातः सात बजे चौखंबा स्थित काठ की हवेली से निकली। स्वर्णकार क्षत्रिय कमेटी वाराणसी के तत्वावधान में आयोजन हुआ। शोभायात्रा में आगे घुड़सवार पुलिस चल रही थी। ताशा - बाजा के साथ भक्तगण ध्वजा पताका लिए अग्रिम पंक्ति में रहे। साथ ही कमेटी के संस्थापक द्वय स्वर्गीय किशुन दास और स्वर्गीय भीकू सिंह की तस्वीर भी सुसज्जित रथ पर चल रहा था। बैंड पार्टी सुमधुर धुन बिखेरते चल रही थी। साथ में माता स्वरूप प्रतिमाएं अपने करतब दिखा रहीं थीं।

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11 सुसज्जित छतरी युक्त घोड़ों पर देव प्रतिमाएं राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, हनुमान, शंकर, गणेश, नारद, ब्रह्मा जी के साथ दो दरबान भी विराजमान थे। इस दौरान पाइप बैंड का आकर्षण केंद्र था। शोभा यात्रा के दौरान शंकर - पार्वती, राधा - कृष्ण, दुर्गा जी, काली जी, हनुमान जी की भी आकर्षक झांकी थी। इवेंट प्लानर की टीम नीरज सेठ के नेतृत्व में रास्ते भर भजन प्रस्तुत कर रही थी। गोविंदेश्वर महादेव की आकर्षक झांकी तथा डमरू दल भी शोभायात्रा के केंद्र बिंदु में रहा। शोभायात्रा के अंत में शहनाई की धुन के बीच साज-सज्जा के साथ फूलों से सुसज्जित बाबा का स्वर्णिम रथ चल रहा था। रास्ते भर भक्तों को प्रसाद का वितरण भी होता रहा।

कमेटी के अध्यक्ष किशोर कुमार सेठ ने बताया कि बाबा के स्वागत हेतु विभिन्न सामाजिक संगठनों तथा बाबा के भक्तों द्वारा लगभग 40 स्थानों पर पूजा अर्चना किया गया। उन्होंने बताया कि भव्य शोभायात्रा के कुशल संचालन में संस्था के मंत्री राजू वर्मा की अहम भूमिका रही। स्वर्णकार क्षत्रिय कमेटी के महामंत्री श्याम कुमार सराफ ने बताया कि शोभायात्रा काठ की हवेली, चौखंभा से प्रारंभ होकर बीवी हटिया, जतनबर, विशेश्वरगंज, महामृत्युंजय, दारानगर, मैदागिन, बुलानाला, चौक, नारियल बाजार, गोविंदपुरा, ठठेरी बाजार, सोराकुआं, गोलघर, भुतही इमली होते हुए कालभैरव मंदिर पर जाकर संपन्न हुई। महामंत्री ने बताया कि बाबा की स्वर्ण - रजत प्रतिमा मंदिर में प्रतिस्थापित कर भव्य श्रृंगार व पूजन किया जाएगा। समयानुसार रात 11 बजे तक दर्शन पूजन का कार्य चलता रहेगा। पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित के आचार्यत्व में सायंकाल बसंत पूजा होगी।

बताया कि इस अवसर पर काशी के कोतवाल स्मारिका का भी प्रकाशन किया गया है, जिसका कुशल संपादन श्याम सुंदर सिंह ने किया। उन्होंने बताया कि मंदिर प्रांगण में भी टीम बनाकर प्रसाद वितरण की व्यवस्था की गई है। पूरे मंदिर परिसर से भैरवनाथ चौराहे से लेकर नवनिर्मित कालभैरव द्वार तक बिजली झालरों तथा फूल मालाओं से भव्य सजावट किया गया है। इस दौरान अध्यक्ष किशोर कुमार सेठ, महामंत्री श्याम कुमार सर्राफ, शोभायात्रा मंत्री राजू वर्मा, कोषाध्यक्ष जनार्दन वर्मा, श्याम सुंदर सिंह, कमल कुमार सिंह के साथ मीडिया प्रभारी डॉ कैलाश सिंह विकास, घनश्याम सेठ बच्चा आदि सदस्य उपस्थित थे।


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