युवाओं को नौकरी के लिए प्रियंका गांधी ने सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखा पत्र
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी गांधी वाड्रा ने 12460 शिक्षक भर्ती में शून्य जनपद के कारण नियुक्ति से वंचित अभ्यर्थियों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है।
वाराणसी, जेएनएन। कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी गांधी वाड्रा ने 12460 शिक्षक भर्ती में शून्य जनपद के कारण नियुक्ति से वंचित अभ्यर्थियों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। कहा है कि इससे युवा बहुत हताश और परेशान हैं। बेरोजगार युवा कोर्ट कचहरी का चक्कर लगाने को मजबूर हैं। इससे पूर्व भी प्रियंका का सीएम को राजस्थान से प्रवासियों को बुलाने के लिए बसें उपलब्ध कराने का पत्र भी चर्चा में रहा है।
उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से अनुरोध किया है कि मानवीय संवेदनाओं को देखते हुए और युवाओं के रोजगार के हक का सम्मान करते हुए 24 शून्य जनपद के अभ्यर्थियों की तत्काल नियुक्ति करें। गत 17 सितंबर को नियुक्ति से वंचित अभ्यर्थियों से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से बात किया था। उन्होंने अभ्यर्थियों से वादा किया था कि वह उनकी हर संभव मदद करेंगी। इस क्रम में उन्होंने शनिवार को सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर तत्काल नियुक्ति देने की मांग की है। कांग्रेस के लेटर पैड पर जारी यह पत्र सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।
प्रियंका ने पत्र में लिखा
मुख्यमंत्री महोदय, उम्मीद करती हूं कि आप बेहतर होंगे और आपकी सेहत अच्छी होगी। आज मैं आपको उप्र के बेरोजगार युवाओं, जो कुछ समय से पूरे प्रदेश में आंदोलनरत हैं, की समस्याओं के विषय में पत्र लिख रही हूं। उप्र का युवा बहुत परेशान और हताश है। कुछ दिनों पहले ही मैने 12,460 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग पर बातचीत की। इस शिक्षक भर्ती में 24 जिले शून्य जनपद घाेषित थे। यानि कि इस 24 जिलों में कोई जगह नहीं खाली थी मगर इनके बच्चे अन्य जिलों की बैकेंसीज के लिए परीक्षा में शामिल हो सकते थे। इन बच्चों ने परीक्षा दी और अच्छे अंकों से पास भी हुए परंतु तीन साल बीत जाने के बाद भी इन प्रतिभावन युवाओं की नियुक्ति नहीं हो पायी है। ये युवा मजबूरी में कोर्ट कचहरी के चक्कर काट रहे हैं। इनमें से कई ऐसे बच्चे हैं जिनके जीवन संघर्ष से भरे हैं, इनकी दर्दनाक कहानी सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ। मैं समझ नहीं पा रही हूं कि सरकार ने इनके प्रति एक आक्रामक और निर्मम स्वभाव क्यों बनाया है। जबकि यही उप्र का भविष्य बनाने वाली पीढी है और सरकार इनके प्रति जवाबदेह है। महोदय, ये युवा बहुत परेशान हैं। कोरोना महामारी इनके ऊपर और भी कहर बरपा रही है। एक तो इन्हें नौकरी नहीं मिल रही है ऊपर से इस महामारी में उनके सामने गहरा आर्थिक संकट आ खड़ा हुआ है। कई अभ्यर्थी तो भ्यानक अवसाद में हैं। उनके ऊपर घर के नमक तेल और राशन का भी बोझ है। मैं आपसे आग्रह करती हूं कि मानवीय संवेदनाओं को देखते हुए और युवाओंं के रोजगार के हक का सम्मान करते हुए कृपया 24 शून्य जनपद के अभ्यर्थियों की तत्काल नियुक्ति कराने का कष्ट करें।