Move to Jagran APP

सरकारी आवास पर नेत्र विशेषज्ञ की प्राइवेट प्रैक्टिस, वर्षों से एक अस्पताल में तैनाती

भदोही नगर में स्थित महाराजा बलवंत सिंह अस्पताल में तैनात नेत्र सर्जन व वरिष्ठ परामर्शदाता डा. वीके मौर्य सरकारी आवास में प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 10:36 AM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 10:52 AM (IST)
सरकारी आवास पर नेत्र विशेषज्ञ की प्राइवेट प्रैक्टिस, वर्षों से एक अस्पताल में तैनाती
सरकारी आवास पर नेत्र विशेषज्ञ की प्राइवेट प्रैक्टिस, वर्षों से एक अस्पताल में तैनाती

भदोही [स्वाधीन तिवारी] : सरकार की ओर से स्वास्थ्य सुविधा के तमाम दावों को तैनात चिकित्सक ही पलीता लगा रहे हैं। भले ही प्रावधानों के अनुसार सरकारी अस्पतालों में तैनात चिकित्सकों के प्राइवेट प्रैक्टिस पर प्रतिबंध लगा दी गई है, लेकिन जिले के सरकारी अस्पतालों पर चिकित्सकों की सेहत पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है। सरकारी अस्पतालों में तैनात चिकित्सकों की ओर से की जा रही प्राइवेट प्रैक्टिस पर अंकुश लगाने को लेकर विभागीय अधिकारी भी बेपरवाह हैं। भदोही नगर में स्थित महाराजा बलवंत सिंह अस्पताल में तैनात नेत्र सर्जन व वरिष्ठ परामर्शदाता डा. वीके मौर्य सरकारी आवास में हीप्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं और हैरत की बात है बीते कई वर्षों से ये जारी है और विभाग के आला अधिकारी मौन साधे हुए हैं।

loksabha election banner

दरअसल, सूबे में प्रदेश मुखिया के पद पर काबिज होते ही योगी आदित्यनाथ स्वास्थ्य विभाग की ओर से संचालित बदहाल सरकारी अस्पतालों में उपचार को लेकर जनता में अच्छे दिन आने की आस जगी थी, लेकिन सरकार के मंसूबे पर अस्पताल में तैनात चिकित्सक ही पानी फेर रहे हैं। देर से अस्पताल में उपस्थित होना और निर्धारित समय से पहले चले जाना उनकी आदत बन गई है। प्रावधान के तहत प्राइवेट प्रैक्टिस पर पूर्णतया प्रतिबंध होने के बावजूद भी चिकित्सकों की ओर से प्राइवेट प्रैक्टिस धड़ल्ले से की जा रही है। विभागीय बेपरवाही से जमीनी हकीकत में प्रावधान निष्प्रभावी ही साबित हो रहा है।

 

मामले की सच्चाई सामने लाने की मंशा से जब जागरण की ओर से भदोही नगर स्थित महाराजा बलवंत सिंह अस्पताल के सरकारी आवास की पड़ताल की गई, तो अस्पताल में तैनात चिकित्सक नेत्र सर्जन व वरिष्ठ परामर्शदाता डा वीके मौर्य अपने आवास में ही प्राइवेट प्रैक्टिस कर मरीजों का धड़ल्ले से उपचार करते पाए गए। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्थानांतरण नीति का उल्लंघन कर विगत कई वर्षों से एक ही अस्पताल में तैनाती होने से क्षेत्र सहित ऊपर के अधिकारियों में अच्छी पैठ भी बन गई है। जिससे जनता की ओर से शिकायत के बावजूद भी भयभीत अधिकारी बगैर कार्रवाई के मामला रफा-दफा कर देते हैं। प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक संबंधी प्रावधानों को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से प्रभावी न होने पाने से यह गोरखधंधा जोरों पर चल रहा है। विभागीय सूत्रों की मानें तो प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक संबंधी प्रावधानों का पालन करने के एवज में चिकित्सकों को निर्धारित भत्ता सरकार की ओर से वेतन के अलावा दिए जाने के बावजूद भी अंकुश नहीं है।

जिले के अन्य अस्पताल भी अछूते नहीं : महाराजा चेतसिंह जिला अस्पताल समेत जिले के अन्य अस्पताल में तैनात चिकित्सक भी सरकार से वेतन व प्राइवेट प्रैक्टिस भत्ता के रुप में मोटी रकम मिलने के बावजूद भी सरकारी आवासों समेत अपने निजी आवास पर प्राइवेट प्रैक्टिस का कारोबार धड़ल्ले से किया जा रहा है। बावजूद इसके विभागीय अधिकारी अंजान बने हैं। जिससे इस पर अंकुश लगता नहीं दिख रहा है।


प्राइवेट प्रैक्टिस को लेकर दर्ज है एफआइआर: सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महाराजा बलवंत सिंह अस्पताल में तैनात नेत्र सर्जन वीके मौर्य के खिलाफ प्राइवेट प्रैक्टिस पर पूर्व में मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ओर से एफआइआर दर्ज कराया जा चुका है। बावजूद इसके अभी भी यह गोरखधंधा जोरों पर चल रहा है। 

कठोर कार्रवाई होगी : मामले की पूरी निष्पक्षता से जांच कराकर आवश्यक कठोर कार्रवाई कराई जाएगी। -राजेंद्र प्रसाद, जिलाधिकारी भदोही।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.