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बीएचयू के प्राइवेट रूम में अब आराम नहीं फरमा सकेंगे कैदी, जिला प्रशासन के साथ बैठक के बाद लिया निर्णय

बीमारी या अन्य कारण दर्शाकर कोई कैदी या बंदी वाराणसी के बीएचयू अस्पताल के प्राइवेट रूम में अब आराम नहीं फरमा सकेगा। अस्पताल प्रशासन ने जिला व जेल प्रशासन के अफसरों के साथ बैठक कर यह फैसला लिया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 08:10 AM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 08:10 AM (IST)
बीएचयू के प्राइवेट रूम में अब आराम नहीं फरमा सकेंगे कैदी, जिला प्रशासन के साथ बैठक के बाद लिया निर्णय
बीमारी या अन्य कारण दर्शाकर कोई कैदी या बंदी बीएचयू अस्पताल के प्राइवेट रूम में अब आराम नहीं फरमा सकेगा।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। बीमारी या अन्य कारण दर्शाकर कोई कैदी या बंदी बीएचयू अस्पताल के प्राइवेट रूम में अब आराम नहीं फरमा सकेगा। अस्पताल प्रशासन ने जिला व जेल प्रशासन के अफसरों के साथ बैठक कर यह फैसला लिया है। किसी कैदी को अब सर सुंदरलाल अस्पताल या ट्रामा सेंटर के प्राइवेट रूम यानी स्पेशल वार्ड में भर्ती नहीं किया जाएगा। जनरल वार्ड में 48 घंटे तक ही भर्ती किया जा सकेगा। इससे अधिक समय तक भर्ती रहने पर जेल प्रशासन को कैदी की पूरी मेडिकल रिपोर्ट के साथ वाजिब कारण बताना पड़ेगा।

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यह नियम चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू के ट्रामा सेंटर में कड़ाई से लागू भी कर दिया गया है। इस संबंध में ट्रामा सेंटर के आचार्य प्रभारी की ओर से बीते शुक्रवार को नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। अक्सर कई माफिया या अपराधी जिनको सजा हुई है या विचाराधीन बंदी हैैं, वे किसी न किसी बीमारी का हवाला देकर बीएचयू के स्पेशल वार्ड में भर्ती हो जाते हैं। इसके कारण आम मरीजों के साथ ही चिकित्सकों, नर्सों एवं अन्य स्टाफ को भी परेशानी उठानी पड़ती है। इस प्रवृत्ति पर रोक के लिए यह सख्ती की जा रही है। सर सुंदरलाल अस्पताल के आयुर्वेद भवन में 30 बेड के प्राइवेट रूम हैं। अधिकतर में एसी एवं अन्य सुविधाएं भी हंै। इसके अलावा ट्रामा सेंटर में आठ बेड का प्राइवेट रूम है।

अब कैदियों या बंदियों को प्राइवेट रूम में नहीं भर्ती किया जाएगा

अब कैदियों या बंदियों को प्राइवेट रूम में नहीं भर्ती किया जाएगा। यह व्यवस्था कड़ाई से लागू कर दी गई है। ऐसे लोगों को जनरल वार्ड में अधिकतम 48 घंटे तक ही भर्ती किया जाएगा। इससे अधिक समय की जरूरत होगी तो इसके लिए जेल के चिकित्सक द्वारा पूरी रिपोर्ट देनी होगी। इसके बाद स्टैंङ्क्षडग कमेटी की स्वीकृति के बाद ही समय बढ़ाया जा सकेगा।

- प्रो. सौरभ सिंह, आचार्य प्रभारी ट्रामा सेंटर व डीएमएस सर सुंदरलाल अस्पताल, बीएचयू


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