प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की छात्रों संग परीक्षा पर चर्चा, दिए तनाव से दूर रहने का मंत्र
पीएम ने हाईस्कूल व इंटर के विद्यार्थियों में परीक्षा का जोश भरने का प्रयास किया, छात्रों से कहा कि वह मार्क्स के स्थान पर एजुकेशन व जीवन में संतुलन बनाएं।
वाराणसी, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाईस्कूल व इंटर के विद्यार्थियों में परीक्षा का जोश भरने का प्रयास किया। छात्रों से कहा कि वह मार्क्स के स्थान पर एजुकेशन व जीवन में संतुलन बनाए रखने पर ध्यान दें। वहीं अभिभावकों को भी सलाह दी और कहा कि बच्चों पर अपने सपने न थोपें क्योंकि दबाव में बच्चे बिखर जाते हैं। अगर बच्चा असफल भी होता है तो मां-बाप उनका हौसला बढ़ाएं। सोशल स्टेटस की वजह से दबाव न पालें।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार देश भर के दो हज़ार से ज़्यादा छात्रों से रूबरू हुए। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम में पीएम मोदी परीक्षार्थियों को तनाव से उबरने का मंत्र दिया।
'परीक्षा पे चर्चा पर पीएम को सुनने के लिए जनपद के प्रायः सभी स्कूलों में टीवी की व्यवस्था की गई थी। बच्चों ने बड़े ही धैर्य पूर्वक पीएम की बातों को सुना और गुना। वहीं इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा परीक्षा का महत्व है, लेकिन अगर हम ये सोचें कि यह ज़िंदगी की परीक्षा नहीं है तो हमारा भार कम हो जाएगा। इस परीक्षा के बाहर भी ज़िंदगी है। परीक्षा को एक अवसर मानें और इसका आनंद उठाएं।
अभिभावकों को अपने बच्चों को टेक्नॉलाजी के सही इस्तेमाल के बारे में जानकारी देनी चाहिए। तभी बच्चे प्ले स्टेशन छोड़कर प्ले ग्राउंड की ओर जाएंगे। जिंदगी का मतलब ठहराव नहीं है, जिंदगी का मतलब ही होता है गति देना। कहा कि लक्ष्य ऐसा होना चाहिए जो पहुंच में तो हो, पर पकड़ में न हो। जब हमारा लक्ष्य पकड़ में आएगा तो उसी से हमें नए लक्ष्य की प्रेरणा मिलेगी। अभिभावकों से उन्होंने बच्चों पर कभी उम्मीदों को न थोपने की सलाह दी। कहा कि अभिभावकों को समझना चाहिए अपने बच्चों के अंदर की संभावनाओं को पहचानना चाहिए।