वाराणसी में लाल हुआ टमाटर का भाव, लोकल की फसल महंगी तो बाहर की फसल सस्ती
शहर की मंडियों में इस समय बाहर से आ रहा टमाटर खूब सस्ता बिक रहा है। जबकि स्थानीय किसानों द्वारा उत्पादित टमाटरका भाव मंडियों में महंगा है। दरअसल इस समय मंडियों में सोनभद्र केमधुपुर और घोरावल से टमाटर की आवक भरपूर मात्रा में हो रही है।
वाराणसी, जेएनएन। शहर की मंडियों में इस समय बाहर से आ रहा टमाटर खूब सस्ता बिक रहा है। जबकि स्थानीय किसानों द्वारा उत्पादित टमाटरका भाव मंडियों में महंगा है। दरअसल इस समय मंडियों में सोनभद्र केमधुपुर और घोरावल से टमाटर की आवक भरपूर मात्रा में हो रही है। इस कारणसोनभद्र का टमाटर सस्ता बिक रहा है। वहीं स्थानीय टमाटर का भाव इस समय महंगा है।
इस कारण स्थानीय किसानों का माल नहीं बिक रहा है। जिससे किसानअपने सौदे को लेकर मायूस और चिंतित हैं।सोनभद्र में तीन रुपये प्रतिकिलो चल रहा भावपंचकोशी सब्जी मंडी के व्यापारी रमेश कुमार ने बताया कि पिछले 15 दिन सेसोनभद्र से टमाटर की आवक अच्छी है। वहां टमाटर का भाव तीन रुपये प्रतिकिलो का चल रहा है। किराया जोडऩे के बाद बनारस में इसका भाव फुटकर में आठरुपये चल रहा है। इस बीच स्थानीय किसानों की उपज भी तैयार हो गई और उसकीभी मंडी में आवक शुरू हो गई। स्थानीय टमाटर का भाव फुटकर बाजार में 12रुपये प्रति किलो है। जो सोनभद्र के टमाटर की अपेक्षा 4 रुपये प्रतिकिलोखरीदारों को महंगा पड़ रहा है। इसलिए खरीदार इसे कम पसंद कर रहे हैं।
किसान हो रहे निराश : शहर के लमही, छोटा लालपुर, भोजुवीर, शिवपुर, पंचकोशी, चंदुवा, दशाश्वमेध,चितईपुर सहित अन्य सभी छोटी बड़ी मंडियों में स्थानीय किसान अपनी उपज लेकरपहुंच रहे हैं, लेकिन सोनभद्र के सस्ते टमाटर के आगे खरीदार स्थानीयटमाटर को कम तरजीह दे रहे हैं। जिससे किसान निराश होकर अपना माल लेकरवापस चले जा रहे हैं।स्थानीय टमाटर है टिकाऊव्यापारी मुकेश जायसवाल की मानें तो सोनभद्र के टमाटर के मुकाबले स्थानीयटमाटर ज्यादा टिकाऊ है। इसकी फसल को किसान आधा पकने पर ही तोड़ लेते हैं।जिससे खरीदार इस टमाटर को एक सप्ताह तक इस्तेमाल कर सकता है। जबकिसोनभद्र का टमाटर ज्यादा पकने के कारण बस दो दिन ही चल पा रहा है।