प्रदेश के पहले बायोफ्यूल कांप्लेक्स के उद़्घाटन की तैयारी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज करेंगे निरीक्षण
वाराणसी के रोहनिया ब्लाक आराजीलाइन के शाहंशाहपुर गांव के पशुधन कृषि प्रक्षेत्र केंद्र की लगभग दस एकड़ जमीन पर निर्माणाधीन प्रदेश का पहला बायोफ्यूल कांप्लेक्स का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को निरीक्षण करेंगे। हले चरण में स्थापित होने वाले कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) पर काम लगभग पूर्ण हो चुका है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। रोहनिया ब्लाक आराजीलाइन के शाहंशाहपुर गांव के पशुधन कृषि प्रक्षेत्र केंद्र की लगभग दस एकड़ जमीन पर निर्माणाधीन प्रदेश का पहला बायोफ्यूल कांप्लेक्स का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को निरीक्षण करेंगे। बताया जा रहा है कि पहले चरण में स्थापित होने वाले कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) पर काम लगभग पूर्ण हो चुका है। प्रसिद्ध कंपनी भारत बायोगैस एनर्जी लिमिटेड (बीबीईएल) इस कार्य को मूर्तरूप दे रही है। इसका उद्घाटन अगले माह होने की संभावना जताई जा रही है। मुख्यमंत्री के आगमन को देखते हुए बुधवार की देररात पुलिस बल तथा अधिकारियों की देखरेख में हेलीपैड निर्माण कराया जा रहा है।
किसानों को मिलेगी संजीवनी
इस प्लांट से 25 किलोमीटर तक के किसानों को आर्गेनिक खेती के लिए बढ़ावा और प्रशिक्षण के साथ ही लिक्विड और सॉलिड फर्टिलाइजर भी उपलब्ध होने की बात कही जा रही है। किसानों के लिए प्रयोगशाला और पशुधन को बढ़ावा मिलेगा। जिले की गौशालाओं से गोबर का कलेक्शन जल्द ही शुरू होगा। किसानों को इससे आमदनी होगी। फिलहाल प्लांट का कार्य अंतिम दौर में है लेकिन पाइप लाइन का काम अधूरा है। यहां नगर निगम की तरफ से संचालित होने वाले गोशाला में गोबर और कीचड़ के कारण स्थिति काफी खराब है। मुख्यमंत्री के आने की सूचना पर ग्राम प्रधान की अगुवाई में रात में ही सफाई कार्य रहा है।
किचन वेस्ट मैटेरियल का भी होगा प्रयोग
बायो गैस प्लांट में सिर्फ गोबर ही नहीं बल्कि आसपास के गांव और शहरों के किचन से निकलने वाले प्राकृतिक वेस्ट मैटेरियल का भी यहां प्रयोग किया जाएगा जिसका लोगों को लाभ मिलेगा।
वेस्ट टू वेल्थ मिशन को बढ़ावा
इस प्लांट को मल्टी यूज सेंटर के रूप में डेवलप किया जा रहा है। इस प्लांट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वेस्ट टू वेल्थ मिशन को भी बढ़ावा मिलेगा।
प्लांट का निर्माण सीएसआर फंड से
इस प्लांट के निर्माण के लिए सरकार की ओर से न ही कोई बजट आवंटित है, न ही कोई धनराशि आगे खर्च होनी है। यह पूरी तरह सीएसआर फंड से निर्मित होने की बात कही जा रही है। गैस के अलावा खाद भी इस प्लांट में बनेगा। प्लांट स्थापित होने से सैकड़ों लोगों के लिए रोजगार के दरवाजे खुलेंगे।