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विद्युत विभाग को 1117 कर्मचारियों को देना होगा 1 अरब 37 करोड़ 66 लाख, ईपीएफओ ने मदद से खड़े किए हाथ

1117 संविदाकर्मियों के ईपीएफ पैसे को रोकना पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड डिस्काम के गले की फांस बन गया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 25 Sep 2019 09:32 AM (IST)Updated: Wed, 25 Sep 2019 09:32 AM (IST)
विद्युत विभाग को 1117 कर्मचारियों को देना होगा 1 अरब 37 करोड़ 66 लाख, ईपीएफओ ने मदद से खड़े किए हाथ
विद्युत विभाग को 1117 कर्मचारियों को देना होगा 1 अरब 37 करोड़ 66 लाख, ईपीएफओ ने मदद से खड़े किए हाथ

वाराणसी, जेएनएन। 1117 संविदाकर्मियों के ईपीएफ पैसे को रोकना पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड डिस्काम के गले की फांस बन गया है। डिस्काम के सारे खाती भले ही 23 सितंबर को सीज किए गए लेकिन ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) ने तो दो माह पहले ही 1 अरब 37 करो 66 लाख रुपये भुगतान के लिए आदेश जारी कर दिया था। बावजूद इसके अधिकारियों ने इसे हल्के में लिया, जिस पर ईपीएफओ ने कड़ा कदम उठाया। अगर निगम पहले ही बकाए का भुगतान कर दिया होता तो आज यह नौबत नहीं आती। अब निगम कोई भी जमा-निकासी नहीं कर सकेगा। हालांकि मंगलवार को निगम के अधिकारी ईपीएफओ के क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचे थे, लेकिन लेकिन संगठन ने किसी भी प्रकार करने से हाथ खड़े कर दिया। ले दे के निगम के पास एकमात्र विकल्प हाईकोर्ट में जाना ही बचा है। 

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यह है मामला 

ईपीएफ के बकाए का मामला वर्ष 2010 से 2014 तक का है। सब स्टेशन आपरेशन एवं लाइन मेंटनेंस के लिए हजारों कर्मचारियों को विभिन्न ठेकेदारों के माध्यम से संविदा पर रखा गया था। ठेकेदार न तो ईपीएफ और न ही ईएसआइ के खाते में पैसा जमा कर रहे थे, जबकि बिजली विभाग की ओर से पूरी राशि दी जाती थी। बावजूद इसके अधिकारियों की मिली भगत से ठेकेदार मनमानी करते रहे। इस पर पूर्वांचल विद्युत संविदा मजदूर संघ ने ईपीएफओ में केस दर्ज कराया दिया। 

सुनवाई में भी घोर लापरवाही 

ऐसा नहीं कि अचानक ही पूर्वांचल निगम पर खाते सीज की कार्रवाई कर दी गई। संविदाकर्मियों द्वारा केस किए जाने के बाद करीब पौने तीन साल तक सुनवाई चली। इसके बाद भी निगम के संबंधित अधिकारियों ने घोर लापरवाही की। अंत में ईपीएफओ ने 16 जुलाई को ही 44 पेज का आदेश जारी कर दिया था। इस बीच निगम ने कानपुर स्थित ट्रिब्यूनल में अपील की लेकिन, वहां से कोई राहत नहीं मिली। इसके बाद ईपीएफओ ने 22 सितंबर को विज्ञापन जारी किया और 23 सितंबर को पंजाब नेशनल बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक, आइसीआइसीआइ बैंक आदि में संचालित निगम के सारे खाते सीज कर दिए।  


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