आसान किस्त का लाभ उठाएंगे 50 हजार उपभोक्ता, पूरी किस्त जमा करने के बाद सिस्टम से हट जाएगा ब्याज
सरचार्ज माफी के साथ ही पहली बार उपभोक्ताओं के लिए आसान किस्त योजना लाई गई है। इसका लाभ जिले के करीब 50 हजार उपभोक्ता लेंगे।
वाराणसी, जेएनएन। सरचार्ज माफी के साथ ही पहली बार उपभोक्ताओं के लिए आसान किस्त योजना लाई गई है। इसका लाभ जिले के करीब 50 हजार उपभोक्ता लेंगे। विभाग ने चार किलोवाट तथा पांच हजार रुपये से अधिक राशि के बकायेदारों को चिह्नित किया है।
आसान किस्त वाली इस योजना के लिए 11 नवंबर से पंजीकरण शुरू हो गया, जो 31 दिसंबर तक चलेगा। इसके बाद अब आप आसान किस्तों अपने बकाए का भुगतान कर सकेंगे। इसके लिए आपको बकाए के मूल राशि का पांच फीसद या न्यूनतम 1500 रुपये से पंजीकरण कराना होगा। पंजीकृत शहरी उपभोक्ताओं को अपने बकाए को 12 किस्तों में भुगतान करने की छूट मिलेगी, जबकि ग्रामीण उपभोक्ताओं को 24 किस्तों में। इसमें शर्त यह है कि हर माह निर्धारित किस्त जमा करनी होगी। अगर किन्हीं कारणों से उपभोक्ता एक माह व वर्तमान बिल नहीं जमा कर पाता है तो अगले माह यानी दो किस्त व दो माह का वर्तमान बिल हर हाल में जमा करना होगा वरना पंजीकरण रद कर दिया जाएगा।
ऐसे होगा पंजीकरण
नगरीय विद्युत वितरण मंडल प्रथम के अधीक्षण अभियंता विजय पाल एवं द्वितीय मंडल के दीपक अग्रवाल ने बताया कि जिन उपभोक्ताओं का बकाया पांच हजार रुपये से अधिक है और लोड चार किलोवाट तक हैं वे संबंधित खंड व उपखंड पर संपर्क कर सकते हैं। यह भी शर्त है कि कम से कम एक रुपये भी सरचार्ज होना चाहिए। अगर उनके बिल में कोई आशंका हो तो रजिस्ट्रेशन से पहले इसका संशोधन किया जाएगा। इसके बाद रजिस्ट्रेशन शुल्क बकाए का पांच प्रतिशत या कम से कम 1500 रुपये देना होगा। पूरी किस्त जमा करने के बाद ब्याज सिस्टम से अपने आप ही हट जाएगा।
उपकेंद्र पर उपलब्ध रहेगी बकाएदारों की कुंडली
बड़े बिजली बकाएदारों की अब पूरी कुंडली उपकेंद्र पर ही मौजूद रहेगी। ताकि जेई व अन्य कर्मचारी इस पर कार्य कर सकें। इसके लिए पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के बालाजी ने डिफाल्टर रजिस्टर बनाने का निर्देश दिया है। इसके बाद कोई भी अधिकारी रजिस्टर का निरीक्षण कर सकेगा।
निरीक्षण के बाद जेई से सीधे उपभोक्ता का नाम लेकर पूछेंगे कि फलां उपभोक्ता ने आखिरकार बकाया क्यों नहीं जमा किया। अगर जमा नहीं किया तो इसका कनेक्शन क्यों नहीं काटा गया। यानी अगर बकाएदार पर कार्रवाई नहीं हुई तो संबंधित जेई या अन्य कर्मचारी पर मौके पर ही कार्रवाई हो जाएगी। इसके साथ उपकेंद्र पर होने वाली सुविधाओं का विवरण एवं संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों का मोबाइल नंबर भी लिखा होना चाहिए।