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बढ़ती महंगाई के चलते आम आदमी से दूर हुआ आलू, नई आवक आने के बाद भी नहीं घट रहे दाम

उम्मीद थी कि नए आलू के बाजार में उतरने से भाव में कमी आएगी। अभी तक आलू के बढ़े बेतहाशा दामों को देखते हुए हाल-फिलहाल इसमें कमी का अंदाजा लगाना मुश्किल हो रहा है। लोगों को उम्मीद थी कि नए आलू आने से भाव में नरमी आएगी।

By saurabh chakravartiEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 05:31 PM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 05:31 PM (IST)
बढ़ती महंगाई के चलते आम आदमी से दूर हुआ आलू, नई आवक आने के बाद भी नहीं घट रहे दाम
अभी तक आलू के बढ़े बेतहाशा दामों को देखते हुए हाल-फिलहाल इसमें कमी का अंदाजा लगाना मुश्किल हो रहा है।

सोनभद्र, जेएनएन। उम्मीद थी कि नए आलू के बाजार में उतरने से भाव में कमी आएगी। अभी तक आलू के बढ़े बेतहाशा दामों को देखते हुए हाल-फिलहाल इसमें कमी का अंदाजा लगाना मुश्किल हो रहा है। आलू की कीमतों में कमी आने के बजाय इसके दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। त्यौहार तक 35 रुपये किलो तक बिका आलू अब 45 से 50 के भाव मिल रहा है। लोगों को उम्मीद थी कि नए आलू आने से भाव में नरमी आएगी, लेकिन वह 50 रुपये किलो तक बिक रहा है।

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मंडी में आलू की आवक की भारी कमी होने के कारण अक्टूबर महीने से ही इसके दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। दीपावली से कुछ दिनों पहले अधिकारियों की तरफ से मंडी में छापेमारी के बाद इसके दामों में कुछ कमी आई थी, लेकिन त्यौहर बीतते ही इसके दामों में भारी इजाफा हुआ है। दीपावली के पहले 35 रुपये तक बिकने वाला आलू अब 50 के पार हो गया है। लोगों को उम्मीद थी कि त्योहार के बाद नया आलू आने पर भाव कम होगा, लेकिन इसका ठीक उल्टा हुआ। मंडी के थोक व्यापारी अनूप सोनकर ने बताया कि मंडी में कानपुर व आगरा से आलू मंगाया जाता है। इस बार आलू की आवक काफी कम हो रहा है। इसके चलते इसके दाम में इजाफा हो रहा है।

हरी सब्जियां बनीं सहारा

आलू भले ही तेवर दिखा रहा है, लेकिन हरी सब्जियां लोगों का सहारा बनी हुई है। मूली, बैंगन, पालक 20 रुपये व गोभी 20 से 25 रुपये प्रति पीस बिक रही है। प्याज को छोड़ दें तो टमाटर, हरी मिर्च और धनियां के भाव भी कम हुए हैं।

थोक मंडी में भी 44 रुपये तक बिक रहा आलू

दाल के बाद अब आलू के दाम भी लोगों को रुलाने लगा है। स्थानीय थोक मंडी में 42 से 44 रुपये किलो तक आलू बिक रहा है। आलू के थोक व्यवसायियों का कहना था कि आलू की आवक कम होने से दाम बढ़े हैं। सब्जी व्यवसायी पप्पू, पंकज, नरेश आदि दुकानदारों ने बताया कि जब वे 44 रुपये प्रति किलो के दर से थोक मंडी में खरीदेंगे तो प्रति बोरा पच्चीस से तीस रुपये खर्च निकालने के बाद उसकी लागत मूल्य काफी बढ़ जाती है। ऐसे में ग्राहकों को पचास रुपये किलो बेचना उनकी मजबूरी है। गृहिणी सुशीला, सुमित्रा आदि ने बताया कि आलू के बढ़े दामों ने अब रुलाना शुरू कर दिया है।


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