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पूर्वांचल आया कोहरे की जद में, वाराणसी सहित पड़ोसी जिलों में भी बढ़ गई गलन, जानें कब होगी बारिश

चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 18.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्‍य से चार डिग्री कम था। न्‍यूनतम तापमान 7.7 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्‍य से एक डिग्री कम रहा। आर्द्रता अधिकतम 80 फीसद और न्‍यूनतम 65 फीसद दर्ज की गई।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 09:54 AM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 09:54 AM (IST)
पूर्वांचल आया कोहरे की जद में, वाराणसी सहित पड़ोसी जिलों में भी बढ़ गई गलन, जानें कब होगी बारिश
रात तक आसमान साफ था और आधी रात बाद कोहरे की स्थिति बनी जो सुबह दिन चढ़ने तक जारी रही।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। पूर्वांचल में मौसम का रुख बदलाव की ओर होने के बीच वातावरण में नमी का स्‍तर ही नहीं बल्कि जल्‍द ही बादलों की स्थिति भी स्‍पष्‍ट होने लगेगी। माना जा रहा है कि आने वाले कुछ घंटों में मौसम का रुख बदला तो कोहरे के अलावा बदली का दौर भी स्‍पष्‍ट होने लगेगा। इसके बाद वातावरण में पर्याप्‍त नमी बनी रही तो बादल बूंदाबांदी भी करा सकते हैं। रविवार की रात तक आसमान साफ था और आधी रात के बाद कोहरे की स्थिति बनी जो सुबह दिन चढ़ने तक जारी रही। आने वाले कुछ दिनों में भी कोहरा और गलन का रुख बना रहने की उम्‍मीद मौसम विभाग ने जताई है।  

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बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 18.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्‍य से चार डिग्री कम था। न्‍यूनतम तापमान 7.7 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्‍य से एक डिग्री कम रहा। आर्द्रता अधिकतम 80 फीसद और न्‍यूनतम 65 फीसद दर्ज की गई। मौसम विभाग की ओर से जारी सैटेलाइट तस्‍वीरों के अनुसार उत्‍तर प्रदेश ही नहीं बल्कि समूचे पूर्वांचल में कोहरे का प्रकोप बढ़ रहा है। पश्चिमी विक्षोभ का असर होने की वजह से भी यह असर अब अगले कुछ दिनों तक और बना रहने की उम्‍मीद है। वहीं अगले कुछ घंटों में बादलों की सक्रियता भी दिखने लगेगी।

मौसम विभाग की ओर से पूर्व में भी इस सप्‍ताह के आखिर तक बादलों की सक्रियता का रुख होने और गलन में इजाफा होने का संकेत किया गया था। वातावरण में सामान्‍य से चार डिग्री तक तापमान कम होने की वजह से दिन में भी पर्याप्‍त ठंड का असर हो रहा है। मौसम विभाग ने बूंदाबांदी का भी संकेत इस सप्‍ताह दिया है। पहाड़ों पर लगातार रह रहकर बर्फबारी हो रही है। जिसकी वजह से मौसम का रुख चुनौतीपूर्ण बना रह सकता है। इसके पीछे पश्चिमी विक्षोभ का असर है। पहाड़ों पर बर्फबारी का असर लगातार आने की वजह से ही पूर्वांचल में गलन में इजाफा हो रहा है। पखवारे भर तक इसका असर और बने रहने की उम्‍मीद है। 


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