शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में अंजू और कौशिक को कस्टडी रिमांड पर लेगी पुलिस
एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में लोक सेवा आयोग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की कोई भूमिका तो नहीं..इसकी भी जांच होगी।
वाराणसी, जेएनएन। एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में लोक सेवा आयोग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की कोई भूमिका तो नहीं। शासन या किसी नेता से कोई लिंक तो नहीं। ऐसे ही अन्य सवालों के जवाब हासिल करने के लिए गिरफ्तारी के बाद वाराणसी जिला जेल में बंद लोक सेवा आयोग की परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार को पुलिस 10 दिन की कस्टडी रिमांड पर लेना चाहती है। पेपर लीक करने वाले गिरोह के सरगना कौशिक कुमार की भी इतने दिन की कस्टडी रिमांड कोर्ट से मांगी जाएगी।
29 जुलाई 2018 को आयोजित एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक का खुलासा होने के बाद 27 मई को चोलापुर में गिरोह के सरगना प्रिंटिंग प्रेस मालिक कोलकाता निवासी कौशिक कुमार को गिरफ्तार किया गया था। उसके बयान के आधार पर एसटीएफ ने चोलापुर थाने में लोकसेवा आयोग की परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार और कौशिक कुमार समेत नौ लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया। अंजू पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा लिखा गया है। कौशिक के बाद गुरुवार रात अंजू को भी जेल भेज दिया गया। पुलिस को शक है कि पेपर लीक गिरोह के तार लोक सेवा आयोग के अन्य अधिकारियों से भी जुड़े हो सकते हैं। यह भी आशंका है कि शासन में भी गिरोह का लिंक हो। आशंका यह भी है कि एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के अलावा भी अन्य भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक किए गए हों। अंजू की आयोग में नियुक्त के दौरान पांच भर्ती परीक्षाएं अब शक के घेरे में हैं। इनके जवाब अंजू कटियार और कौशिक से ही मिल सकते हैं।
इस मामले के विवेचना अधिकारी सीओ पिंडरा अनिल राय ने भी माना कि इन दोनों अभियुक्तों से कस्टडी रिमांड पर पूछताछ करना जरूरी है। हालांकि उन्होंने ज्यादा जानकारी देने से इन्कार किया। एक अफसर ने बताया कि अंजू लता और कौशिक को 10 दिन के लिए कस्टडी रिमांड पर लेने की कोशिश होगी। उन्हें आमने-सामने बैठाकर भी पूछताछ की जाएगी। जांच के सिलसिले में अंजू कटियार को प्रयागराज में लोक सेवा आयोग दफ्तर और कौशिक को कोलकाता भी ले जाना पड़ सकता है। सोमवार को अदालत में कस्टडी रिमांड के लिए अर्जी दी जाएगी। मोबाइल की होगी फोरेंसिक जांच -अंजू और कौशिक के मोबाइल फोन पुलिस ने जब्त किए हैं। उनके वाट्स एप पर दोनों के बीच वार्तालाप के रिकार्ड मिले हैं जिन्हें पुलिस ठोस सुबूत मान रही है। विवेचना अधिकारी सीओ अनिल राय का कहना है कि संभव है कि इन दोनों ने कुछ मेल या रिकार्ड डिलीट किया हो।
ऐसे में मोबाइल फोन को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा ताकि डाटा रिकवर हो सके। अंजू का लैपटॉप नहीं जब्त है। 50 अभ्यर्थियों पर भी गिरफ्तारी का खतरा -पेपर लीक मामले में उन 50 अभ्यर्थियों पर भी अब गिरफ्तारी का खतरा मंडरा रहा है जिन्होंने 20-20 लाख रुपये में गिरोह से परीक्षा पास कराने का सौदा किया था। इन सभी अभ्यर्थियों का नाम-पता एसटीएफ और पुलिस के पास है। कुछ अभ्यर्थियों को बुलाकर एसटीएफ ने पूछताछ की थी जिन्होंने स्वीकारा था कि परीक्षा से एक दिन पहले 28 जुलाई 2018 को सभी 50 अभ्यर्थियों को वाराणसी बुलाकर चोलापुर के कौशल विकास केंद्र में दो घंटे के लिए साल्व पेपर याद करने के लिए दिए गए थे। उसके बाद पेपर जला दिए गए थे। तब अभ्यर्थियों से एडवांस में पांच-पांच लाख रुपये लिए गए थे। विवेचना अधिकारी सीओ अनिल राय का कहना है कि ये अभ्यर्थी भी सीधे तौर पर अपराध में शामिल हैं। उन्होंने गलत ढंग से परीक्षा पास करने के लिए पैसे दिए। सरकारी गवाह बनाने के साथ ही उनकी गिरफ्तारी भी संभव है। गिरोह के फरार सात आरोपियों की तलाश में जौनपुर, मीरजापुर, भदोही समेत कई जिलों में छापेमारी हो रही है।
गिरोह के भेदिए का दर्ज होगा बयान : लोक सेवा आयोग के पेपर लीक करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करने वाले अशोक देव चौधरी का कोर्ट में बयान कलमबंद कराया जाएगा। इस गिरोह में शामिल रहे अशोक ने ही 28 जुलाई 2018 को कोलकाता में प्रिटिंग प्रेस मालिक कौशिक से पेपर लेकर चोलापुर में गिरोह के अन्य लोगों तक पहुंचाए थे जिसके बाद 50 अभ्यर्थियों को साल्व पेपर दिए गए थे। उसने ही कोलकाता और यूपी पुलिस को पत्र भेजकर पेपर लीक की सूचना दी थी। उसे सरकारी गवाह बनाया गया है।
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