Move to Jagran APP

Encounter : भदोही में देर रात अपहरणकर्ता से बच्‍चे को बचाने के लिए पुलिस संग मुठभेड़

दुर्गागंज के बीच में एक फायर और किया था इसके बाद ही उसे लगा कि वह अब बच नहीं पाएगा फिर अचानक साइड लगाकर उसने गाड़ी रोकी और अपनी कनपटी पर गोली मार ली।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 22 May 2019 10:00 AM (IST)Updated: Wed, 22 May 2019 04:02 PM (IST)
Encounter : भदोही में देर रात अपहरणकर्ता से बच्‍चे को बचाने के लिए पुलिस संग मुठभेड़
Encounter : भदोही में देर रात अपहरणकर्ता से बच्‍चे को बचाने के लिए पुलिस संग मुठभेड़

भदोही, जेएनएन। मंगलवार की रात भदोही जिले में पुलिस इन्‍काउंटर को लेकर हड़कंप मचा रहा। पुलिस अपहर्ता से बच्‍चे को बचाने के लिए प्रयागराज से पीछे लगी हुई थी और आखिरकार भदोही में उसे बरामद कर लिया गया। अपहर्ता को महसूस हो गया था कि वह घिर चुका है पुलिस से और पकड़ा गया तो मार दिया जाएगा। इसलिए वह ऐसे भाग रहा था मानों मौत उसके पीछे हाथ धोकर पड़ी हो। अपहरकर्ता संजय यादव भदोही-प्रयागराज सीमा पर बसवापुर के पास तेज रफ्तार में भाग रहा था। आल्टो कार को जब पुलिस ने गोली मारी तो भी वह उन्हें चकमा देकर भागता रहा। हालांकि आखिरकार पुलिस बच्‍चे को बचाने में सफल रही।बुधवार की दोपहर मुठभेड़ स्‍थल पर फॉरेंसिक जांच टीम के लैब इंचार्ज जय प्रकाश यादव घटनास्थल पर गिरे खून का परीक्षण करने पहुंचे और आवश्‍यक साक्ष्‍य जमा किया।

loksabha election banner

कुछ इस तरह चली मुठभेड़ : देर रात भागने के दौरान कार का टायर पंचर हो गया था, इसके बाद भी वह गाड़ी चलाता रहा। करीब ढाई किलोमीटर तक उसने कार मसेथू गांव तक रिम में ही दौड़ा दी। हड़बड़ाहट में वह भागता रहा, जब उसे लगा कि वह अब नहीं भाग पाएगा तो उसने खुद को गोली करने का निर्णय लिया। 32 बोर की पिस्टल से उसने खुद को गोली मार ली और वहीं गिर पड़ा। दरसअल वह किडनैप करने के बाद पांच वर्षीय रणबीर सिंह को सुबह से प्रयागराज में इधर-उधर टहलाता रहा। देर शाम जब उसे पता चला कि उसे पुलिस उसके पीछे लगी है तो वह भदोही की ओर भागने लगा।

दो साल से चलाता था वाहन, मांगे तीन करोड़ :  झूंसी के रहने वाला संजय यादव दो साल तक अल्लापुर के अभिषेक सिंह की गाड़ी चलाता था। अभिषेक इलाहाबाद विकास प्राधिकरण में बड़े ठेकेदार हैं। वह इन दो सालों में उनके परिवार से काफी घुल-मिल गया था। चार महीने पहले उसे नौकरी से निकाला गया था, तब से वह बच्चे को अगवा करने का प्लान बना रहा था।

जिला अस्पताल में तोड़ दिया दम : जब संजय ने खुद को गोली मारी तो पुलिस उसे ज्ञानपुर स्थित जिला अस्पताल लेकर आई। डॉक्टर उसके सीने पंप करते रहे लेकिन उसकी मौत हो गई। आधे घंटे बाद उसकी मौत होने की पुष्टि की। शव को रात में ही पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

आखिरी समय तक होती रही मुठभेड़ : प्रयागराज से सुरियावां के मसेथू गांव के बीच कई बार पुलिस से संजय की मुठभेड़ हुई। क्राइम ब्रांच के अफसरों की मानें तो उसे सुरियावां से दुर्गागंज के बीच में एक फायर और किया था, इसके बाद ही उसे लगा कि वह अब बच नहीं पाएगा। फिर अचानक साइड लगाकर उसने गाड़ी रोकी और अपनी कनपटी पर गोली मार ली।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.