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Kashi Dev Deepawali 2020: पीएम मोदी ने दीप जला की उत्सव की शुरुआत, लाखों दीयों से जगमग घाट

Kashi Dev Deepawali 2020 काशी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब दीप जलाकर इस उत्सव की औपचारिक शुरुआत की तो दीपों का इठलाना और बढ़ गया। घाट पर लोगों के अलावा लाइव प्रसारण से इस अद्भुत अलौकिक और अविस्मरणीय पल के साक्षी बने 135 देश।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 08:03 PM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 08:04 PM (IST)
Kashi Dev Deepawali 2020: पीएम मोदी ने दीप जला की उत्सव की शुरुआत, लाखों दीयों से जगमग घाट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब दीप जलाकर इस उत्सव की औपचारिक शुरुआत की तो दीपों का इठलाना और बढ़ गया।

वाराणसी, जेएनएन। दिव्य मास कार्तिक की गोधूलि बेला। आदिकेशव से लेकर सामनेघाट तक फैला गंगा का विस्तृत पाट, देवताओं की दीपावली में भागीदारी के उल्लास से झूमती उत्सवप्रिय काशी के लाखों-लाखों मगनमन निवासी, दीपमालिकाओं से अलंकृत सीढिय़ां। पथरीले घाटों पर लेजर लाइट, इंद्रधनुषी अल्पनाओं व रंगोलियों के ठाट। इन सब के बीच दिवस का अवसान जैसे जैसे करीब आ रहा था मानो असंख्य दीपों की ज्योति अपने आविर्भाव के लिए मचल रही थी।

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84 घाटों पर 15 लाख से अधिक दीप जलने लगे तो लगा, मानो आकाश गंगा स्वर्णिम चादर ओढ़कर जाह्नवी किनारे उतर आई हो। महसूस हुआ कि इस दृश्य को देखने का मोह सूर्य देवता भी नहीं छोड़ सके और जाते-जाते अपनी किरणों को काशी के घाट पर ही छोड़ गए। दृश्य ऐसा कि देवों के वास की मान्यता मूर्तमान नजर ने लगी हो।  

राजघाट पर धर्म नगरी काशी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब दीप जलाकर इस उत्सव की औपचारिक शुरुआत की तो दीपों का इठलाना और बढ़ गया। घाट पर मौजूद लोगों के अलावा लाइव प्रसारण के माध्यम से इस अद्भुत, अलौकिक और अविस्मरणीय पल के साक्षी बने 135 देश।

लाखों दीप जगमगा उठे घाट : पीएम मोदी के दीप जलाने के बाद गंगा के दोनों किनारों पर सजे लाखों दीप जगमगा उठें। हर तरफ अलौकिक छठा बिखर गई। हर बार केवल गंगा के इस बार ही रोशनी होती थे लेकिन पीएम मोदी की अगवानी में गंगा पार रेती भी रोशन हुई। अनूठे जल प्रकाश उत्सव के रूप में विश्‍व विख्यात देव दीपावली के मौके पर उत्तरवाहिनी मां गंगा के घाटों पर खास नजारा देखने के लिए देश-दुनिया से लोगों का हुजूम दोपहर बाद ही घाटों की ओर बढ़ चला था। भीड़ देखकर नहीं लग रहा था कि कोरोना जैसी कोई महामारी भी फैली है।

हर कदम घाट की ओर : इससे पहले दोपहर से ही बनारस में मौजूद हर कदम घाट की ओर बढ़ रहे थे। चेहरे पर खुशी और उत्साह की चमक लिए कोई भी इस उत्सव में शामिल होने का यह दुर्लभ मौका खोना नहीं चाहता था।

हर घाट के अलग ठाट : पूनम के चांद तले हर घाट का अपना अलग ही नजारा था। असि घाट हो या तुलसी घाट, सब लोक भावना के प्रतीक बनकर दमक रहे थे। चेतसिंह घाट की तो बात ही निराली। यहां का लेजर शो अपने आप में विस्मित करने वाला था। पंचनदतीर्थ पंचगंगा घाट पर कहीं आरती की लौ, कहीं आतिशबाजियों दपदप करता ऐतिहासिक हजारा अलग ही शोभा बढ़ा रहा था तो दशाश्वमेध घाट पर शहीदों की याद में जले दीये रोशनी बिखेर रहे थे। कहीं धूप-लोबान लोगों को विभोर कर रहे थे तो कहीं अगरबत्ती की सुवास से घाट महमह कर रहे थे। इन्हीं सब के बीच लोग अपने मोबाइल और कैमरे से इन पलों को कैद करने की हसरत पर भी काबू नहीं कर पा रहे थे। इन सबमें सेल्फी सबसे आगे थी।

कोरोना से डर नहीं, पूरी सजगता : काशी ने आज दुनिया के सबसे बड़े जल पर्व के आयोजन से यह दिखा दिया कि हम कोरोना से डरे नहीं हैं बल्कि हम शारीरिक दूरी और मास्क के साथ उससे बिना डरे मुकाबला कर रहे हैं। कोई भी घाट ऐसा नहीं था जहां कोरोना से बचाव के लिए एहतियात न बरती जा रही हो। दीप जलाने वाले मास्क और सुरक्षित दूरी के साथ अपना काम कर रहे थे तो देखने वाले भी नियमों का पालन कर रहे थे। दीये भी कुछ इस तरह जल रहे थे कि वे भी सुरक्षित दूरी के पालन का संदेश दे रहे हों।


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