'मछली जल की रानी है' सुनकर पीएम मोदी ने बच्चों से कहा-तुम तो परीक्षा में पास हो गए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्राथमिक विद्यालय, नरउर में करीब 38 मिनट रहे। 5.45 बजे पर विद्यालय पहुंचे। भारत माता की जय के उद्घोष से बच्चों ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया।
वाराणसी [अजय कृष्ण श्रीवास्तव]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की क्लास में प्राथमिक विद्यालय नरउर के बच्चे पास हो गए। बच्चों को सवाल-जवाब करने के बाद पास होने का सर्टिफिकेट प्रधानमंत्री ने स्वयं दिया जिस पर बच्चे खुशी से उछल पड़े।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्राथमिक विद्यालय, नरउर में करीब 38 मिनट रहे। सोमवार को करीब 5.45 बजे पर विद्यालय पहुंचे। 'भारत माता की जय' के उद्घोष से बच्चों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया।
हेडमास्टर चंद्रावती शर्मा पीएम मोदी के साथ विद्यालय के चैनल गेट तक गईं। पीएम का पहले से इंतजार कर रही कक्षा पांच की श्वेता व कक्षा तीन की वैष्णवी पीएम को रूम-टू-रीड (लाइब्रेरी) कक्ष तक ले गईं। पीएम ने वैष्णवी के कंधे पर हाथ रखकर कदम बढ़ाए। रूम-टू-रीड में पीएम ने करीब दस मिनट तक बच्चों को समय दिया।
रूम-टू-रीड के स्टेट हेड मुकेश जोशी बच्चों को पढ़ा रहे थे। इस दौरान पीएम ने बच्चों से कार्ड पढ़कर सुनाने को कहा। बच्चों ने कार्ड में लिखा 'माननीय प्रधानमंत्री' पढ़कर सुनाया। उन्होंने बच्चों से कार्ड में लिखे शब्द कापी पर लिखने को कहा। सभी बच्चों ने झट से कापी पर माननीय प्रधानमंत्री लिख दिया।
पीएम मोदी ने कहा कि तुम लोग परीक्षा में पास हो गए। प्रधानमंत्री से इतना सुनते ही बच्चे खुशी से उछल पड़े। पीएम ने बच्चों से पूछा आप लोग लाइब्रेरी की किताबें पढ़ते हो। बच्चों ने हां में जवाब दी। उन्होंने पूछा कौन सी किताबें ज्यादा पसंद है। बच्चों ने बताया कि कहानियों की। रूम-टू-रीड स्थापित होने के बाद पहले के स्तर में कितना अंतर आया है, बच्चों ने कहा रूम-टू-रीड के माध्यम से पढऩे में अच्छा लगता है।
इस कक्ष में 11 बच्चों को करीब दस मिनट समय देने के बाद वह स्मार्ट क्लास में गए। स्मार्ट क्लास में संदीप कुमार सिंह नामक अध्यापक बच्चों को प्रोजेक्टर से 'मछली जल की रानी' नामक कविता दिखा रहे थे। पीएम सर ने बच्चों ने पूछा यह कविता किसे याद है। सभी बच्चों ने एक साथ हाथ उठाकर एक स्वर स्वर में कहा हमें याद है। बच्चों ने बारी-बारी से पीएम को कविता भी सुनाई। कविता का पाठ सुनकर मोदी गदगद हो गए।
उन्होंने विद्यालय परिसर में 200 बच्चों के साथ संवाद किया। बच्चों के बीच जाकर खुलकर बात की। यही नहीं, बच्चों ने भी उनसे सवाल पूछा कि आप बचपन में लाइब्रेरी जाकर पढ़ते थे। उन्होंने कहा कि लाइब्रेरी जाकर मैंने भी पढ़ाई की है। हालांकि सभी किताबें नहीं पढ़ पाता था पर मोटी-मोटी किताबों पर एक नजर जरूर डालता था।