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PM Modi in Varanasi : कृषि कानूनों को लेकर भ्रम फैला रहा विपक्ष : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नए कृषि कानूनों को लेकर किए जा रहे विरोध को लेकर प्रधानमंत्री ने विपक्ष को आईना दिखाया है। कहा कि जिनका इतिहास ही छल का है वे किसानों में नए कानूनों को लेकर भ्रम फैला रहे हैैं। सरकार अपने प्रकल्प से किसानों को आय वृद्धि का विकल्प दे रही है।

By saurabh chakravartiEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 12:33 AM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 12:33 AM (IST)
PM Modi in Varanasi : कृषि कानूनों को लेकर भ्रम फैला रहा विपक्ष : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
वाराणसी के खजुरी में सभा को संबोधित करते पीएम नरेंद्र मोदी।

वाराणसी [भारतीय बसंत कुमार] । नए कृषि कानूनों को लेकर किए जा रहे विरोध को लेकर प्रधानमंत्री ने विपक्ष को आईना दिखाया है। कहा कि जिनका इतिहास ही छल का है, वे किसानों में नए कानूनों को लेकर भ्रम फैला रहे हैैं। सरकार अपने प्रकल्प से किसानों को आय वृद्धि का विकल्प दे रही है। इन दोनों के मिलन से ही देश का कायाकल्प संभव है। वह सोमवार को वाराणसी में वाराणसी-प्रयागराज राजमार्ग चौड़ीकरण के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों पर सवाल लोकतंत्र की स्वस्थ परंपरा है, लेकिन इन दिनों देश में एक घातक ट्रेंड चल रहा है जो अच्छी नीतियों पर भी लोगों में अफवाह फैला कर भ्रमित करने का है।

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बिना नाम लिए साधा निशाना : पीएम ने बिना नाम लिए उन्होंने उन राज्यों पर निशाना साधा, जहां किसान सम्मान निधि योजना लागू नहीं की गई है। कहा- वहां की राज्य सरकारें डरती है कि यदि योजना लागू हुई और मोदी सरकार की जय-जयकार हुई तो उसके दिन लद जाएंगे। लेकिन पीएम ने यह घोषणा की कि जब भी उन राज्यों में भाजपा सरकार बनी तो वहां के किसानों को यह पैसा देकर रहेंगे। यह भी रेखांकित किया कि जब किसान सम्मान निधि की पहली दो हजार की किस्त किसानों के खाते में गई तो विरोधियों ने अफवाह फैलाई कि सरकार चुनाव के बाद ब्याज समेत पैसे वापस ले लेगी। लेकिन देश ने देखा कि एक लाख करोड़ रुपये सीधे किसानों के खाते में गया। काशी में स्थापित मां अन्नपूर्णा का नाम लेते हुए पीएम ने कहा कि माता के आशीर्वाद से भारतीय किसान आत्मनिर्भर भारत की अगुआई करेंगे और उनका विश्वास है कि जो अभी शंकाग्रस्त हैं, वे भी कृषि सुधार के प्रकल्पों का लाभ उठाएंगे।

किसानों को दिया भरोसा

-नए कृषि कानून में पुराने प्रविधानों को संरक्षित किया गया है। मंडी तक नहीं पहुंच पाने वालों किसानों के छल से बचाने को कानूनी समर्थन।

-मंडियां और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को नहीं हटाएंगे। नए कृषि कानून किसानों के लिए विकल्प, पुराने में कोई बदलाव नहीं।

-पहले मंडी से बाहर उत्पाद बेचने पर कार्रवाई होती थी। उन्हें आजादी है कि अब वे कहीं भी अपने कृषि उत्पाद बेच सकते हैं।

आंकड़ों से दिखाया विरोधियों को आईना

-2014 के पहले के पांच साल में 650 करोड़ रुपये की दाल खरीदी गई और भाजपा के पांच साल के कार्यकाल में 49 हजार करोड़ की दाल खरीद हुई। गेहूं की भी दोगुनी सरकारी खरीद की गई है।

-2014 के पहले पूर्व की सरकार ने दो लाख करोड़ का धान न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर खरीदा था, हमारे कार्यकाल में यह आंकड़ा पांच लाख करोड़ का है।

-बनारस के लंगड़ा और दशहरी आम के साथ ही सब्जी की खाड़ी देशों और लंदन में आपूर्ति को किसानों को मिले नए बाजार के रूप में सामने रखा।

विपक्ष की खोली पोल

-किसान सम्मान निधि की दो हजार की पहली किस्त किसानों के खाते में गई तो विरोधियों ने अफवाह फैलाई कि सरकार चुनाव के बाद ब्याज समेत पैसे वापस ले लेगी।

-सरकार की नीतियों पर सवाल लोकतंत्र की स्वस्थ परंपरा है, लेकिन इन दिनों देश में एक घातक ट्रेंड चल रहा है जो अच्छी नीतियों पर भी लोगों में अफवाह फैला कर भ्रमित करने का है।

-यह वही लोग कर रहे हैं जो अपने लंबे शासन काल में किसानों से झूठे वादे करके उन्हें ठगते रहे। किसानों के साथ इतना छल हुआ है कि उनका सशंकित होना स्वाभाविक है।

-अब प्रचार किया जाता है कि फैसला ठीक है, लेकिन आगे चलकर न जाने क्या होगा।

अन्नदाताओं की आय वृद्धि की प्रतिज्ञा दोहराई

किसानों की आय में वृद्धि के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के तहत कार्य करने की अपनी प्रतिज्ञा उन्होंने दोहराई। यह कहा कि चार करोड़ किसान परिवारों को प्रधानमंत्री फसल बीमा का लाभ और 47 लाख हेक्टेयर जमीन में सूक्ष्म सिंचाई की सुविधा दी गई है। वे चाहते हैं कि देश के किसानों की पहुंच सीधे बड़े बाजार तक हो, इसके लिए हर संभव प्रकल्प गढ़े जा रहे हैं। छोटे शहरों में उड्डयन सेवा का विस्तार और किसान एक्सप्रेस (उनके शब्दों में चलता-फिरता कोल्डस्टोरेज) इसी का हिस्सा है। जल मार्ग को भी समृद्ध किया जा रहा है।

योगी सरकार की तारीफ की : प्रधानमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी टीम ने आधारभूत संरचना के विकास का बड़ा काम किया है। कोरोना काल में भी निर्माण कार्य जारी रहने से रोजगार के अवसर यहां पैदा हुए। यूपी की पहचान अब एक्सप्रेस प्रदेश के रूप में हो रही है। यहां पांच मेगा प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है जिससे पूर्वांचल, बुंदेलखंड समेत पूरे प्रदेश में कनेक्टिविटी का विस्तार होगा। देश का एक डिफेंस कारिडोर भी इसी प्रदेश के हिस्से है। पहले जहां यहां दो एयरपोर्ट थे, अब एक दर्जन एयरपोर्ट हो जाएंगे।

73 किमी लंबे राजमार्ग का लोकार्पण : प्रधानमंत्री ने वाराणसी-प्रयागराज के बीच 2247 करोड़ की लागत से निर्मित राजमार्ग के सिक्स लेन चौड़ीकरण का लोकार्पण किया। कांवडिय़ा मेला और माघ मेला में इस हिस्से में जुटने वाली भीड़ के लिए अब यातायात सुगम होगा।


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