एस्ट्रोटर्फ ने खिलाडिय़ों के उड़ान को लगाए पंख, जूनियर और राष्ट्रीय हाकी टीमों में चयनित हो रहे हैं खिलाड़ी
गाजीपुर मुख्यालय में ग्रामीण अंचल में स्थित करमपुर स्टेडियम में एस्ट्रोटर्फ लगने से न सिर्फ हाकी खिलाडिय़ों के उड़ान को पंख लग गए हैं बल्कि यह देश का शान बन चुका है।
गाजीपुर [सर्वेश कुमार मिश्र]। जनपद मुख्यालय 45 किमी दूर ग्रामीण अंचल में स्थित करमपुर स्टेडियम में एस्ट्रोटर्फ लगने से न सिर्फ हाकी खिलाडिय़ों के उड़ान को पंख लग गए हैं बल्कि यह देश का शान बन चुका है। यह उड़ान करमपुर से शुरू होकर जूनियर या सीनियर राष्ट्रीय टीम में शामिल होकर पूरा हो रहा है। ताजा उदाहरण के रूप में गत गुरुवार को देश की टीम में चयनित हाकी खिलाड़ी राजकुमार को देखा जा सकता है। करमपुर स्टेडियम में हाकी स्टिक थामने वाले राजकुमार पाल से देश को बड़ी उम्मीदें हैं। एस्ट्रोटर्फ लगने से खिलाडिय़ों के हुनर में और निखार आ रहा है। खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं।
एस्ट्रोटर्फ लगने से पहले भी यहां के खिलाडिय़ों ने देश की जूनियर व सीनियर टीमों में जगह बनाया था लेकिन एस्ट्रोटर्फ लगने के बाद खिलाडिय़ों की संख्या में इजाफा हुआ है। वर्ष 1988 में मेघबरन सिंह हाकी एकेडमी का गठन अकादमी के प्रबंधक तेजबहादुर सिंह ने किया। स्टेडियम में घास के मैदान पर हाकी स्टिक व गेंद के साथ सुबह से शाम करने वाले खिलाडिय़ों को एस्ट्रोटर्फ की की आवश्यकता थी। वर्ष 2007 में पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव करमपुर आए तो उन्होंने घोषणा की कि स्टेडियम को और बेहतर बनाया जाएगा। वर्ष 2009 में तेजबहादुर सिंह के भाई राधेमोहन सिंह सांसद बने तो खिलाडिय़ों को भरोसा हो गया कि अब उनकी उम्मीद पूरी हो जाएगी। राधेमोहन सिंह खिलाडिय़ों के भरोसे पर खरे उतरे। उन्होंने केंद्र सरकार में प्रयास किया। साथ ही तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलकर एस्ट्रोटर्फ की आवश्यकता बताई। अखिलेश यादव ने उनकी बातों को गंभीरता से लिया और एस्ट्रोटर्फ बनवाने में भरपूर सहयोग किया।
छह करोड़ 21 लाख रुपये की लागत से बने एस्ट्रोटर्फ का उद्धाटन तत्कालीन सीएम ने 26 सितंबर 2016 को किया। तब पूर्व सांसद ने उन्हें भरोसा दिया कि यहां खेलने वाले खिलाड़ी अब और ज्यादा संख्या में देश की जूनियर व सीनियर टीम का हिस्सा बनेंगे। एस्ट्रोटर्फ लगने के बाद खिलाडिय़ों में हाकी के प्रति रुचि और बढ़ गई। उन्होंने और जी-जान से मेहनत करना शुरू कर दिया। कोच इंद्रदेव कुमार ने भी खिलाडिय़ों को तराशने का कार्य किया। यही वजह है कि आज जूनियर हाकी टीम में करमपुर का खिलाड़ी उत्तम सिंह व राहुल राजभर शामिल हैं। सीनियर टीम में ललित उपाध्याय खेल रहे थे। अब राजकुमार पाल ने भी सीनियर टीम में कदम रख दिया है।
-यहां के खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा बिखेर रहे हैं यह शानदार है। एक बार नेशनल प्रतियोगिता की मेजबानी इस स्टेडियम को मिल जाती तो खिलाड़ी और तेजी से निकलने लगते। - तेजबहादुर सिंह, स्टेडियम के प्रबंधक
- प्रतिभाएं गांवों में छिपी हैं। सरकार अगर गांवों की तरफ रुख करे तो देश के लिए खेलने वाले हुनरमंद बड़ी संख्या में मिलेंगे। करमपुर के स्टोटर्फ ने देश को जो दिया है वह बेमिसाल है।- राधेमोहन सिंह, पूर्व सांसद।