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हरियाली से खुशहाली : जागरण की पहल पर अपनी रौनक खो चुके प्रमुख पार्कों की लौटने लगी हरियाली

पौधारोपण के साथ पर्यावरण और स्वच्छता के लिए लोगों को जागरूक करने का सिलसिला बढ़ रहा है।

By Edited By: Published: Fri, 29 Nov 2019 01:29 AM (IST)Updated: Fri, 29 Nov 2019 01:50 PM (IST)
हरियाली से खुशहाली : जागरण की पहल पर अपनी रौनक खो चुके प्रमुख पार्कों की लौटने लगी हरियाली
हरियाली से खुशहाली : जागरण की पहल पर अपनी रौनक खो चुके प्रमुख पार्कों की लौटने लगी हरियाली

वाराणसी, जेएनएन। पौधारोपण के साथ पर्यावरण और स्वच्छता के लिए लोगों को जागरूक करने का सिलसिला बढ़ रहा है। कमच्छा के क्रांतिपल्ली कॉलोनी के पार्क में सफाई और पौधारोपण के लिए गड्ढे खोदने का काम गुरुवार को पूरा हो गया। अब शुक्रवार को यहां पौधे लगाए जाएंगे। साथ ही कमच्छा स्थित आदि शंकराचार्य नगर पार्क में घास-फूस और झांड़ियां हटाई जा रही हैं। दैनिक जागरण और सृजन सामाजिक विकास न्यास संस्था की ओर से आओ पार्क संवारें के तहत सातवें पार्क में सफाई शुरू हुई। पार्षद पति विनोद भारद्वाज के साथ लोगों ने पार्क की सफाई में उत्साह के भाग लिया। यहां पर शुक्रवार को भी सफाई अभियान चलाया जाएगा। आदि शंकराचार्य नगर पार्क की सफाई में मोनू कुमार, गणेश कुमार, मुकेश, कल्लू, नितिन तिवारी आदि थे। सृजन संस्था के अध्यक्ष अनिल सिंह ने बताया कि लोग इस अभियान में खुद जुड़ रहे हैं। इससे हमारा उत्साह दोगुना हो जाता है। इससे पूर्व क्रांतिपल्ली पार्क के साथ कॉलोनी में भी स्वच्छता अभियान चलाया गया। इसमें नगर निगम के मालियों के साथ सफाई कर्मियों ने साथ दिया। इस मौके पर अशोक कुमार, अनिल तिवारी, अखिलेश कुमार, मंजू देवी, रितेश और राकेश आदि उपस्थित थे।

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- पौधारोपण से जहां हरियाली बढ़ती है वहीं एक पौधा कई लोगों के लिए शुद्ध हवा के साथ ऑक्सीजन देने के काम करता है। इसलिए ऐसे काम में लोगों को आगे आना चाहिए। राधेश्याम दुबे

- पार्क का रखरखाव व पौधारोपण पुनीत कार्य है। इसमें लोगों को बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। इससे समाज का हर व्यक्ति लाभान्वित होता है। श्रीनाथ

- इस काम के लिए दोनों संस्थाओं की जितनी प्रशंसा की जाए कम है। लोगों को एकजुट कर साथ लाना और पौधारोपण कराना बड़ी चुनौती है। विनोद कुमार साहनी

- पौधारोपण के दूरगामी फायदे हैं। आज का पौधा पांच साल बाद पेड़ बनेगा तो हवा के साथ छांव भी देगा। पेड़ों के कटने से इसका संकट हो गया है। सरोज कुमार

- पौधारोपण के बाद इसे बचाए रखना सबसे बड़ी चुनौती है। इसके लिए सभी को ध्यान रखना होगा, तभी सभी पौधे बचेंगे। हरिनाथ गोंड

- दोनों संस्थाएं इस काम को करके पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक कर रही हैं। बिना जागरूकता के कोई भी अभियान सफल नहीं हो सकता है। सुधीर सिंह


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